गेहूँ की खरीद जो पिछले वर्ष के मुकाबले 13 अप्रैल को 40 प्रतिशत अधिक थी, वह पहली बार तीन मई को घट गई और उसके बाद से कम ही बनी हुई है।
सरकार को अब उम्मीद है कि 2010-11 के विपणन वर्ष (अप्रैल-मार्च) में गेहूँ की खरीद पिछले साल के 2.53 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर को लांघकर 2.62 करोड़ टन हो जाएगी। हालाँकि मध्यप्रदेश को छोड़कर पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश जैसे प्रमुख योगदान करने वाले राज्यों से खरीद घटी है।
तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार भारत का गेहूँ उत्पादन 8.9 करोड़ टन निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष के रिकॉर्ड 8.6 लाख टन से मामूली अधिक है। (भाषा)