बदायूं। वे बुजुर्ग थीं। उम्र के इस पड़ाव पर
वैसे तो उन्हें घर पर आराम और नाती-पोतों के साथ मौजमस्ती करनी चाहिए मगर
सिस्टम को यह मंजूर कहां? यही कारण है कि जब चिलचिलाती धूप में लोग घरों
में कैद थे तो वे विकास भवन में दहाड़ रही थीं। समाज कल्याण विभाग में चल
रहे ‘खेल’ को चीख-चीख कर बता रही थीं। घर की चौखट लांघ कर आई बुजुर्ग
महिलाओं ने न सिर्फ पीडी को ज्ञापन दिया बल्कि इस बात का भी अहसास कराया
कि अगर कोई उनकी बुढ़ापे की लाठी छीनने की कोशिश करेगा तो वे चुप नहीं
बैठेंगी।
राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन आर्गनाइजेशन के बैनर तले विभिन्न गांवों
के बुजुर्ग, विधवाएं एवं विकलांग विकास भवन पहुंचे। गिला इस बात का था कि
पात्रों को पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है जबकि सुविधा शुल्क लेकर
अपात्रों को पेंशन जारी कर दिया जा रहा है। आर्गनाइजेशन के जिलाध्यक्ष
एमएस पटेल ने कहा पेंशन का लाभ पाने के लिए पात्र इधर-उधर भटक रहे हैं।
विभाग के कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का इस दौरान चेतावनी दी गई कि यदि
पात्रों को शीघ्र पेंशन नहीं मिली तो विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों
के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी। धरना-प्रदर्शन के दौरान बाल विकास विभाग में
व्याप्त भ्रष्टाचार का भी मुद्दा उठाया गया।