मनरेगा: जैसी करनी वैसी भरनी

देहरादून। मनरेगा के अंतर्गत चालू वित्तीय
वर्ष के लिए केंद्र ने राज्य को दिये जाने वाले लेबर बजट में पिछले साल की
अपेक्षा महज ढाई प्रतिशत की वृद्धि की है। माना जा रहा है कि ऐसा केंद्र
ने योजना पर सूबे में सुचारू काम नहीं होने के कारण किया है। इस तरह के
हालात में लोगों को और अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना विभाग के लिए
आसान नहीं होगा।

मनरेगा के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र ने सूबे को 382.82
करोड़ की मंजूरी देते 61.89 करोड़ की पहली किश्त जारी भी कर दी है। है।
पिछले साल यह राशि 373.21 करोड़ थी। केंद्र द्वारा इस बार बजट में की गई
मामूली वृद्धि इस बात का संकेत दे रही हैं कि पिछले साल योजना पर काम
सुचारू ढंग से नहीं हुआ। केंद्र सरकार इस योजना के तहत अधिक से अधिक पैसा
खर्च करने को तैयार है बशर्ते आउटपुट सही हो। शायद यही वजह है कि केंद्र
ने सरकार ने यह स्पष्ट कह दिया है कि दूसरी किश्त तभी जारी होगी जब पहले
किश्त की एमआइएस आन लाइन हो। केंद्र के इस फरमान के बारे में सभी जनपदों
के डीएम को अवगत कराया जा रहा है। याद रहे कि सूबे में योजना शुरू से ही
विवादों में रही है और इसके तहत कराये जाने वाले कार्यो को लेकर सवाल उठते
रहें हैं। विपक्ष ने सदन में योजना से जुड़े सवालों को निरंतर अंतराल पर
उठाया। विपक्ष का कहना था कि योजना के तहत सरकार को केंद्र से अधिक से
अधिक मदद लेनी चाहिए थी पर सरकार ऐसा नहीं कर पाई। इसी का नतीजा है कि
राज्य की जनता को योजना का पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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