नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ

मलिहाबाद (लखनऊ), 11 मई : क्षेत्र में
ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 42 मातृ शिशु परिवार
कल्याण केन्द्र स्थापित किए गए हैं। यह केन्द्र अपने उद्देश्यों से भटक
गये हैं। इससे केन्द्रों की सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा
है।

ग्राम नवीनगर, कसमण्डी खुर्द, कसमण्डी कलां व रहीमाबाद केन्द्रों के
भवन जीर्ण शीर्ण हैं। 15 केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं।
इनकी स्थिति बदतर है। मानक के अनुसार केन्द्र के लिए दो कमरे व शौचालय,
विद्युत व्यवस्था के साथ होनी चाहिए लेकिन किराये के केन्द्र एक कमरे में
चल रहे हैं, ऊपर से कई में ताला भी बंद है। केन्द्रों पर तैनात महिला
वर्कर को प्रत्येक गुरुवार को क्लीनिक संचालित कर टीकाकरण व आवश्यक
दवाइयों का वितरण करना चाहिए। शेष दिनों में गांवों का भ्रमण कर स्वास्थ्य
सुविधाएं गर्भवती, धात्री महिलाओं व कुपोषण से बचाव के लिए बच्चों को देने
का प्रावधान है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कागजी खानापूरी कर विभाग को
फर्जी आंकड़े भेजा जा रहे हैं। तिलसुवा गांव के प्रधान जीत बहादुर सिंह,
रितेन्द्र यादव, सोहनलाल व मुन्ना यादव का कहना है कि महीने में कभी कभार
ही महिला कर्मचारी गांव में दिखायी पड़ती हैं। प्रसव कराने में इनका सहयोग
नहीं के बराबर मिलता है। इनका पर्यवेक्षण करने वाले पर्यवेक्षक कभी दिखायी
ही नहीं देते। केन्द्रों के रखरखाव के लिए सरकार ग्राम स्वास्थ्य समिति को
पांच हजार रुपयों की धनराशि प्रति वर्ष उपलब्ध कराती है लेकिन यह कहां
खर्च हो रही है, ग्रामीणों को इसकी कोई जानकारी नहीं है। ग्राम जौरिया व
महमूद नगर के केन्द्र में वर्कर ही नहीं हैं। इस सम्बंध में सीएचसी
अधीक्षक डा. एएस गौतम का कहना है कि केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर उनकी
दशा व दिशा सुधारने का प्रयास करेंगे।

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