किसानों को प्रशिक्षित करने पर होगा 100 करोड़ व्यय

पटना राज्य में कृषि स्नातकों व वेटनेरी
डाक्टर बेरोजगार नहीं रहेंगे। कृषि मंत्रालय ने कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध
अभिकरण (आत्मा) के कार्यक्रमों पर होने वाले व्यय का 90 प्रतिशत वित्तीय
भार वहन करने की सहमति प्रदान की है। इसके तहत पंचायत स्तर पर दो कृषि
वैज्ञानिक, प्रखण्ड स्तर पर तकनीकी प्रबंधक, राज्य स्तर पर एक परियेाजना
निदेशक व दो उपनिदेशकों की नियुक्ति होगी। इसके लिए केन्द्र से राशि
मिलेगी।

कृषि विभाग के अनुसार आत्मा की योजना के लिए इस वर्ष केन्द्र को 101
करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके माध्यम से फसलों के आधार पर किसानों
का समूह बनाया जायेगा। इसके बाद फेडरेशन बनेगा। फेडरेशन के माध्यम से
उत्पादित फसलों के बाजार की सुविधा प्राप्त होगी। योजना के तहत किसानों के
बीच प्रदर्शनी आयोजित करना है। प्रशिक्षण व तकनीकी जानकारी देना है। आत्मा
को सुदृढ़ बनाने से योजनाओं को लागू करने के लिए जिला कृषि पदाधिकारियों
के कायरें को कम किया जायेगा। इसके साथ ही पंचायत स्तर पर कर्मियों की कमी
के कारण कृषि योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने का संकट दूर हो जायेगा।
इन पदों पर कृषि व वेटेनरी स्नातकों की नियुक्ति की जायेगी। कृषि में
मास्टर डिग्रीधारी की तो यह स्थिति है कि खाद्य सुरक्षा मिशन व राष्ट्रीय
कृषि विकास योजना के तहत तकनीकी सलाहकार के पद पर संविदा के आधार पर
नियुक्त बेरोजगारों ने नौकरी छोड़ दी है। ऐसी स्थिति में कृषि व सम्बद्ध
क्षेत्र के स्नातकों के लिए अनुकूल अवसर माना जा रहा है।

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