भोपाल। नर्मदा बचाओ आंदोलन का कहना है कि
केन्द्र ने महेश्वर बांध की रोक नहीं हटाने का कोई निर्णय नहीं लिया है और
न ही पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा इस संबंध में कोई आदेश जारी किया
गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गलत बयानी कर गुमराह कर
रहे हैं। एनबीए की चित्तरुपा पालित ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा
कि उन्होंने पानी व बिजली के झूठे लाभों को बताकर केन्द्र सरकार पर दबाव
बनाने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को
गुमराह करते हुए कहा कि नवंबर 2010 से महेश्वर बांध से 7 लाख यूनिट
प्रतिदिन बिजली बनेगी।
एनबीए की चित्तरुपा पालित का कहना है कि सभी प्रभावितों का पुनर्वास
होने के बाद ही बांध में पानी भरकर बिजली बनाना संभव है। वहीं इस बांध से
होने वाला बिजली उत्पादन मध्यप्रदेश की कुल मांग 1000 लाख यूनिट प्रतिदिन
की तुलना में 1 प्रतिशत से भी कम है यानि कि नगण्य है। मुख्यमंत्री के इस
कृत्य की निंदा करते हुए एनबीए ने कहा है कि वो निजी कम्पनी के पक्ष में
की जा रही इन कार्रवाईयों के खिलाफ संघर्ष करेगा।