ऑनर किलिंगः हर साल 5000 की मौत

नई दिल्ली । ‘ऑनर किलिंग’ की कुप्रथा का चलन केवल हरियाणा और
पश्चिम उत्तरप्रदेश में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दर्जन भर से अधिक देशों
में है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट के मुताबिक हर वर्ष ऑनर
किलिंग के तहत 5,000 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के उन देशों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है
जहां यह कुप्रथा चल रही है। ‘वायलेंस अगेंस्ट वूमन’ नामक रिपोर्ट में ऑनर
किलिंग पर बाकायदा एक अध्याय है। इसके मुताबिक ऑनर किलिंग की कुप्रथा भारत
के अलावा पाकिस्तान, तुर्की, जॉर्डन, सीरिया, मिस्र, लेबनान, ईरान, यमन,
मोरक्को के अलावा कई अन्य खाड़ी देशों में हैं। इसके अलावा जर्मनी, फ्रांस
और ब्रिटेन में भी उन परिवारों के बीच यह कुप्रथा चल रही है जो बाहर से
आकर यहां बसे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में ही हर वर्ष 1,000 से अधिक हत्याएं ऑनर
किलिंग के नाम पर की जाती हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि फलस्तीन नेशनल
अथॉरिटी के अटॉर्नी जनरल खालिद अल-कोअदरा ने 1997 में संदेह जताया था कि
गाजा और पश्चिमी तट पर होने वाली 70 प्रतिशत हत्याएं ऑनर किलिंग होती हैं।

लेबनान में 1996-98 के बीच 36, मिस्र में 1997 में 52 और जार्डन में 1998
में 20 ऐसे मामले प्रकाश मंे आए थे। इराक में 1991 से 2002 के बीच 4,000
महिलाओं की मौत के मामले प्रकाश में आए। 1996-98 के बीच बांग्लादेश में
200 महिलाओं पर तेजाब से हमले के मामले सामने आए थे। इनमें से कितनों की
मौत हुई, यह सामने नहीं आ पाया।

वजह : किसी युवती के परिजनों की इच्छा के विरुद्ध शादी करने, किसी
विजातीय से विवाह करने, अनजान पुरुष या युवक के साथ दोस्ती करने अथवा
शारीरिक संबंध बनाने जैसे आरोपों की वजह से ऑनर किलिंग की जाती है।
रिपोर्ट के मुताबिक पेरू, बांग्लादेश, अर्ज्ेटीना, मिस्र, इजरायल, जॉर्डन,
सीरिया, लेबनान, तुर्की सहित कई देशों में इस तरह की व्यवस्था है कि
‘सम्मान के लिए की जाने वाली हत्या’ के आरोपी पूरी तरह या आंशिक रूप से बच
जाते हैं।

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