मुजफ्फरनगर,
06 मई (वेबवार्ता)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हिरासत में मृत्यु के
मामले में सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य की मानते हुए एक मामले में हिरासत
में हुई विचाराधीन कैदी की मौत पर उसके परिजनों को एक लाख रुपए की आर्थिक
मदद देने का आदेश दिया। हिरासत में कैदी की मौत के मामले में दो
अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि विचाराधीन कैदी दिनेश की
हत्या के मामले में मानवाधिकार आयोग के निर्देश के बाद मृतक की पत्नी को
एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। गौरतलब है कि जुलाई 2006 में
अदालत परिसर में विचाराधीन कैदी दिनेश की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।