मिड डे मील खाकर 50 छात्राएं बीमार

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : पुरानी दिल्ली के हौजकाजी इलाके के राजकीय माध्यमिक कन्या विद्यालय में

बृहस्पतिवार को दूषित मिड-डे मील खाने से करीब 50 छात्राएं बीमार पड़
गईं। स्थानीय लोगों व पुलिस ने आनन-फानन में सभी को एलएनजेपी अस्पताल में
भर्ती कराया। वहां डाक्टरों ने 29 छात्राओं को ग्लूकोज चढ़ाया जबकि अन्य
को प्राथमिक उपचार के बाद छुंट्टी दे दी गई। देर शाम तक छात्राओं की
स्थिति में सुधार आने पर सभी को घर भेज दिया गया। घटना से गुस्साए
अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन व दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उधर, दिल्ली पुलिस के डीसीपी जसपाल
सिंह ने कहा कि अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। दोषियों
के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हौजकाजी स्थित विद्यालय में बृहस्पतिवार सुबह कक्षा छह व आठ की
छात्राओं की पढ़ाई चल रही थी। सुबह 11.30 बजे छात्राओं के लिए मिड-डे मील
में चना व पूरी-सब्जी आई। इसे खाने के आधे घंटे बाद ही बच्चों को पेट दर्द
के साथ उल्टियां शुरू हो गई। छात्राएं दर्द के चलते स्कूल के फर्श पर गिरी
पड़ीं। घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय लोगों ने पुलिस को फोन किया। करीब
50 छात्राओं को आनन-फानन में एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां
डाक्टरों की टीम ने 50 में से 29 छात्राओं को ग्लूकोज चढ़ाया, जबकि अन्य
छात्राओं को प्राथमिक उपचार के बाद छुंट्टी दे दी गई। इस दौरान इकरा और
आलिया नाम की छात्राओं की तबीयत ज्यादा खराब थी। वहीं स्कूल की एक
शिक्षिका अर्चना भी धक्का-मुक्की में घबराकर बेहोश हो गई थी, जिन्हें
अस्पताल में आक्सीजन चढ़ाई गई।

उधर, घटना की सूचना मिलने पर छात्राओं के अभिभावक अस्पताल की ओर भागे।
उन्होंने वहां दिल्ली सरकार व स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए
मिड डे मील बनाने वाली कंपनी व स्कूल प्रंबधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग
की। अभिभावकों को कहना था कि उनके बच्चे इस खाने को नहीं खाना चाहते,
लेकिन स्कूल प्रबंधन उन्हें जबरन खाना खाने को कहता है। स्कूल की
प्रधानाचार्य महिमा गुलाटी को भी लोगों के गुस्से का शिकार होने पड़ा।

उधर, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. अमित बनर्जी का कहना है कि सभी
बच्चे फूड प्वाइजनिंग से पीड़ित थे। उन्होंने 50 में से 29 बच्चों को
अस्पताल में भर्ती किया था, बाकी का तभी उपचार कर उन्हें छोड़ दिया था। रात
शाम सभी छात्राओं को सेहत में सुधार आने पर घर भेज दिया गया।

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