भोपाल। राज्य पशु चिकित्सालय के अधिकारी और
डाक्टर मिलकर राज्य पशु कल्याण समिति की आड़ में पशुओं को लगने वाले टीका
द्रव्य और दवाओं को बेच रहे हैं। जबकि ड्रग एवं कास्मेटिक एक्ट के तहत
बगैर लायसेंस के कोई व्यक्ति या संस्था किसी भी प्रकार की दवा नहीं बेच
सकती।
राज्य पशु कल्याण समिति द्वारा राज्य पशु चिकित्सालय में पशुओं को
लगाए जाने वाले टीका (वैक्सीन) को पशु पालकों को बेचा जा रहा है। इसकी
समिति द्वारा बकायदा रसीद भी दी जा रही है। सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र
अधिकारी डा.आरएस श्रीवास्तव का कहना है कि समिति द्वारा कुत्तों को इंडियन
इमोलॉजीकल कम्पनी का वैक्सीन लगाया जा रहा है। यह वैक्सीन समिति द्वारा
कंपनी से 16 रुपए में खरीदा जा रहा है जबकि पशुपालक से इसकी कीमत 24 रुपए
ली जा रही है। इसी प्रकार कुत्तों की सात बीमारियों में लगने वाला वैक्सीन
जो कि बाजार से 80 रुपए में खरीदा जा रहा है। उसकी कीमत भी पशुपालक से 150
रुपए ली जा रही है। डॉ.श्रीवास्तव ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि हाल ही
में समिति द्वारा मनमाने तरीके से एक प्रस्ताव पारित कर पशु कल्याण समिति
के द्वारा काटी जाने वाले शुल्क में भी वृद्धि कर दी है। राज्य पशु
चिकित्सालय में एक्स-रे मशीन और सोनोग्राफी की सुविधा तो है, लेकिन इन्हें
आपरेट करने वाले तकनीकी अधिकारी ही नहीं है। इसे डॉक्टरों द्वारा आपरेट
किया जा रहा है।
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हम बाजार से कम दर पर पशुपालक को वैक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं, इसमें
गलत क्या है। शासन की संस्था है इसलिए लायसेंस की जरूरत नहीं है।
डा. आरपी एस. बघेल, सचिव
राज्य पशु कल्याण समिति
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जो भी दवा ड्रग एवं कॉस्मेटिक कन्ट्रोल के तहत आती हैं, उन सभी का लायसेंस लेना अनिवार्य है।
राकेश श्रीवास्तव, कंट्रोलर ड्रग एवं कास्मेटिक