मुंबई।
बार्क के वैज्ञानिकों ने दिल्ली के मायापुरी इलाके में लोगों को विकिरण की
चपेट में आने की स्थिति में संभावित शारीरिक लक्षणों के बारे में चेतावनी
दी है। साथ ही कहा है कि ऐसी किसी स्थिति में तुरंत प्रशासन को सूचित किया
जाए।
भाभा परमाणु शोध केंद्र [बार्क] के शारीरिक स्वास्थ्य तथा सुरक्षा
विशेषज्ञों ने बताया कि बेहद उच्च विकिरण की चपेट में आने के लक्षणों में
जलन , बालों का गिरना, मितली आना तथा उल्टी आना शामिल है। हालंाकि मितली
आना तथा उल्टी होना बेचैनी समेत अन्य वजहों से भी हो सकता है।
उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसे मामलों में अफवाहों पर ध्यान नहंी देना
चाहिए। उन्होंने बताया कि अफवाहों से आतंक फैल सकता है। ऐसे लोगों की
संख्या बढ़ सकती है जो खुद को विकिरण के प्रभाव की चपेट में आया महसूस
करें। ऐसे मामलों में , लोग लक्षणों पर सावधानी से ध्यान दें और मायापुरी
पुलिस को सूचित करें।
पिछले महीने चलाए गए पूरे खोजबीन अभियान के दौरान मायापुरी पुलिस थाने
को रेडिएशन एमरजेंसी रिस्पोंस सिस्टम [आरईआरएस] से लैस किया गया था और यह
आगे की जांच में भी डीएई ़ एईआरबी ़ आरईआरएस की टीम के साथ सहयोग जारी
रखेगा जो इलाके में और संदिग्ध सूत्रों की तलाश में जुटा है। नेशनल
डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी पहले ही बार्क के स्वास्थ्य विभाग के साथ
मिलकर प्रभावित इलाकों में लोगों की जानकारी के लिए सुरक्षा उपाय जारी कर
चुका है।
इन उपायों में किसी भी चमकदार वस्तु से प्रभावित नहीं होना और उसकी
जानकारी पुलिस को देना , प्रभावित इलाकों में खुले में नहीं खाना पीना या
धूम्रपान नहीं करना शामिल हैं। हाथों को मुंह से दूर रखना, खुले घावों को
ढक कर रखना , धुएं से बचना और संदिग्ध इलाके से निकलने के बाद हाथों को
अच्छी तरह धोना आदि शामिल हैं।
परमाणु ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उच्च विकिरण की
चपेट में आए लोगों को बचाने के सभी प्रयास जारी हैं। विकिरण की चपेट में
आने वाले सबसे पहले व्यक्ति दीपक जैन के स्वास्थ्य में सुधार के संकेत मिल
रहे हैं। हालांकि वह उच्च विकिरण की चपेट में आए थे।
अपनी जेब में कोबाल्ट 60 रखने वाले अजय जैन की हालत काफी गंभीर है।
अधिकारी ने बताया कि सही उपचार शुरू किए जाने के बाद से बाकी की हालत में
भी सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि लापता कोबाल्ट 60 की खोज अभी जारी
है।