आर्सेलर मित्तल की राह नहीं चलेगी टाटा स्टील

कोलकाता : देश में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी टाटा स्टील दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल की राह नहीं चलते हुए अपना गढ़ कहे जाने वाले राज्य झारखंड में अपने नये संयंत्र के प्रस्तावित परियोजना स्थल में बदलाव नहीं करेगी. कंपनी के प्रबंध निदेशक एचएम नेरूरकर ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि झारखंड के सरायकेला-खरसांवा जिले के टेंटोपोसी में प्रस्तावित हमारी परियोजना के स्थल को बदलने की कोई योजना नहीं है. यह सवाल तब उठता है जब कोई स्थानीय विरोध हो. हमारा कोई विरोध नहीं है इसलिए हम गुपचुप तरीके से वहां से हटने वाले नहीं है. उन्होंने कहा कि हम राज्य में कुछ ही माह पहले बनी सरकार की पुनर्वास एवं विस्थापन नीति बनने का इंतजार कर रहे हैं जिसके बाद इस परियोजना में और प्रगति होगी. उन्होंने स्वीकार किया कि एक करोड़ 20 लाख टन सालाना क्षमता तथा लगभग 42000 करोड़ रूपये लागत वाली इस परियोजना की प्रगति फ़िलहाल काफ़ी धीमी है. ज्ञातव्य है कि राज्य के गुमला और खूंटी जिले में एक करोड़ 20 लाख टन क्षमता वाले संयंत्र की परियोजना पर काम कर रहे मित्तल समूह ने पिछले दिनों इसके स्थल को स्थानांतरित कर बोकारो जिले में ले जाने की घोषणा की थ. खूंटी में इसके भूमि अधिग्रहण को खासे विरोध का सामना करना पड़ा था. दोनो कंपनियों ने लगभग पांच साल पहले राज्य सरकार से इन संयंत्रों की स्थापना के लिए निवेश समझौते किये थे.

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