नयी दिल्ली : झारखंड के ग्रामीण इलाकों में 99 प्रतिशत
परिवारों को पाइप से पानी नहीं मिलता है. मात्र एक प्रतिशत से भी कम
परिवारों को ही पाइप द्वारा जलापूर्ति की जाती है. ग्रामीण विकास राज्य
मंत्री अगाथा संगमा ने आज राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में
बताया कि वर्ष 2005-06 में
करवाये गये राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-तीन के अनुसार राज्य के
एक प्रतिशत से भी कम परिवारों को पाइप द्वारा जलापूर्ति की जाती है.
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में भू-जल दूषित नहीं है, वहां
इसे पेयजल का सुरक्षित स्र्ोत माना गया है. इन क्षेत्रों में हैंडपंप को
सस्ता और बेहतर विकल्प माना जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग तीन लाख 41 हजार हैंडपंप हैं. एक हैंडपंप औसतन 71 व्यक्तियों
को पानी उपलब्ध कराता है. सुश्री संगमा ने कहा कि राज्य सरकार से मिली
सूचना के अनुसार स्वच्छ पेयजल के लिए विकेन्द्रीकृत समुदाय के स्वामित्व
वाली तथा समुदाय द्वारा ही संचालित जल आपूर्ति कार्यक्रम अपनाया गया है.
प्रत्येक राजस्व ग्राम में ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के गठन का निर्णय
लिया गया है. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को केन्द्र की राष्ट्रीय
ग्रामीण पेयजल योजना तथा राज्य योजना से आवश्यक निधि और सहायता उपलब्ध
करायी जायेगी.