देहरादून। पेयजल एवं नियोजन मंत्री प्रकाश पंत ने सूबे के सीमांत क्षेत्रों में आदर्श ग्रामों की स्थापना के निर्देश दिए।
सचिवालय में सोमवार को काबीना मंत्री श्री पंत सीमांत जिलों के
जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रूबरू हुए। उन्होंने
कहा कि दुर्गम व सीमांत क्षेत्रों से पलायन रोकना सरकार की प्राथमिकता है।
ऐसे क्षेत्रों में सभी मूलभूत अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
सीमांत विकासखंडों में जोशीमठ के गरपण व द्रोणागिरि गांव, धारचूला के
गुंजी व जौलींगकांग गांव व मुनस्यारी के मिलम गांव को आदर्श गांव के रूप
में विकसित करने के निर्देश दिए गए। पर्यटन की संभावना वाले क्षेत्रों में
विश्वस्तरीय अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने व इसके लिए बीएडीपी में
उपलब्ध धनराशि का इस्तेमाल के निर्देश उन्होंने दिए। श्री पंत ने पिछले
तीन सालों की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी लंबित योजनाएं इसी
वित्तीय वर्ष में पूरी करने के निर्देश भी दिए। पिथौरागढ़ के छोटा कैलाश व
दारमा घाटी के दुक्तु गांव व चमोली के कुवारीपास व घागरिया में
विश्वस्तरीय पर्यटन व ट्रेकिंग केंद्र स्थापित करने को कहा। इस मौके पर
नियोजन प्रमुख सचिव विजेंद्र पाल, ग्राम विकास सचिव ओमप्रकाश व अन्य
अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग में उत्तरकाशी, चमोली,
पिथौरागढ़, चंपावत व ऊधमसिंह नगर के अफसर मौजूद थे।