बारिश न होने से खेती प्रभावित

कोलकाता। एक तो गर्मी उस पर जल का अभाव,
मानों जिलों में किसानों पर कहर टूट पड़ा हो। गर्मी बढ़ने व बारिश नहीं
होने से जिलों में धान व सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। जल
के अभाव में सब्जियां खेत में ही सूख जा रही हैं, जबकि धान की सिंचाई को
भी पर्याप्त जल नहीं मिल रहा है। अत्यधिक गर्मी की वजह से परवल, करैला,
झींगा, मिर्च आदि के पौधों के फूल झड़ जा रहे हैं। किसान आसमान की ओर टकटकी
लगाये हुए हैं।

कृषि जानकारों का कहना है कि सब्जी व धान की फसलों में 35 से 36
डिग्री सेल्सियस तक के तापमान के सहन करने की क्षमता होती है। उससे अधिक
तापमान होने से सब्जियों के पौधों के फूल झड़ जाते हैं। जानकारी के मुताबिक
जिलों में परवल, झींगा, करैला, मिर्च आदि सब्जियों के पौधे के फूल झड़ जा
रहे हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ गयी है। दरअसल सब्जियों के पौधों के
पराग का समय सामान्यतया सुबह दस बजे से 12 बजे के बीच होता है। लेकिन इधर
सुबह सात बजे से ही गर्मी आग उगलना शुरू कर देती है। इस वजह से पौधों में
पराग भी नहीं हो पा रहा है। इधर गर्मी बढ़ने व बारिश नहीं होने की वजह से
तालाब, जलाशय, कैनल आदि में जल सूख जा रहे हैं। लगातार पंप के जरिये
सिंचाई करने से जलस्तर घट घट रहा है। सूत्रों के मुताबिक हुगली,
व‌र्द्धमान, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, बाकुंड़ा, नदिया आदि जिलों
में बारिश के अभाव में धान व सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई।
मुख्यतया हुगली, उत्तर 24 परगना आदि जिलों में सब्जी की खेती को नुकसान
पहुंचा है। बोरो धान की फसल लगभग तैयार है। बारिश नहीं होने तथा गरमी
बढ़ने से धान खेत में सिंचाई का जलस्तर लगातार घटता जा रहा है।

इधर गरमी बढ़ने से फसलों पर कीड़ों का प्रकोप भी चरम पर है। इससे
किसानों की परेशानी और बढ़ गयी है। किसानों का कहना है कि दवा के छिड़काव
का भी कोई खास फायदा नहीं हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *