रांची। झारखंड
में बिजली महंगी हो गई है। झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कल
2010-11 की नई टैरिफ की घोषणा कर दी। नई दर एक मई से प्रभावी होगी।
अलग-अलग श्रेणियों में फिक्स्ड चार्ज में न्यूनतम तीन रुपये से लेकर 40
रुपये तक की वृद्धि की गई है।
एनर्जी चार्ज में अलग-अलग श्रेणियों में न्यूनतम 10 पैसे और अधिकतक 35
पैसे प्रति यूनिट की दर से वृद्धि की गई है। आयोग की मानें तो नई दर के
प्रभावी हो जाने से झारखंड राज्य बिजली बोर्ड के राजस्व में 175 करोड़
रुपये सालाना का इजाफा होगा।
क्या होगा
कामर्शियल उपभोक्ताओं को 35 पैसे प्रति यूनिट अधिक देने होंगे।
आटा चक्की वालों को 15 रुपये प्रति एचपी प्रति माह अधिक चुकाने होंगे।
औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए प्रति केवीए 25 रुपये प्रति माह की वृद्धि।
घरेलू बिजली में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि।
फिक्स्ड चार्ज भी 10 रुपये प्रति माह बढ़ा।
बिजली बोर्ड को दिए गए कई निर्देश
रांची। झारखंड राज्य बिजली बोर्ड को ग्राहकों की सुविधा के मद्देनजर कई निर्देश भी दिए गए हैं। ये इस प्रकार हैं –
जन शिकायत निवारण फोरम कार्यालय की संख्या बढ़ाई जाए।
कैंप लगाकर 30 दिन में ग्राहकों को कनेक्शन देने की कार्रवाई हो।
बैंक व चेक कलेक्शन सेंटर से भुगतान लेने की व्यवस्था हो।
लॉस कम होने की कार्य योजना तैयार की जाए और।
जल्द आडिट एकाउंट्स को तैयार किया जाए।
झारखंड में 14 से 15 घंटे ही मिल पाती है बिजली
झारखंड में लोगों को 14 से 15 घंटे ही अधिकतम बिजली मिल पा रही है।
राज्य बनने के दस वर्ष बीत गए लेकिन कभी भी लोगों को 24 घंटे लगातार बिजली
नहीं मिल पाई है। राजधानी रांची में औसतन 16-18 घंटे बिजली मुहैया कराई
जाती है।
झारखंड में बिजली की मांग और उत्पादन में बड़ा अंतर है। राज्य के सभी
हिस्सों में 2600 मेगावाट प्रतिदिन बिजली की जरुरत है। इसकी तुलना में
2200 मेगावाट ही बिजली मिल पाती है। हर दिन 300 से 400 मेगावट बिजली की
कमी रहती है।