उत्ताराखंड में ग्रीन सेस की तैयारी

देहरादून। उत्ताराखंड में अब निजी वाहनों पर
ग्रीन सेस लगाने की तैयारी चल रही है। यह शुल्क रजिस्ट्रेशन के वक्त वसूला
जाएगा। सार्वजनिक वाहनों को इससे दूर रखने की योजना है।

परिवहन विभाग स्थित सूत्रों के अनुसार निजी वाहनों की बढ़ती संख्या पर
ब्रेक लगाने, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही
पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्रीन सेस लगाने की योजना पर
विचार किया जा रहा है। इसे निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय लगाया
जाएगा। हालंाकि शुरुआत में शुल्क मामूली रखने की योजना है़ ताकि इससे वाहन
स्वामियों पर कोई बड़ा भार न पड़े। यदि यह व्यवस्था सफल रही तो बाद में सेस
बढ़ाया जा सकतक है।

सूत्रों ने बताया ग्रीन सेस से होने वाली आय को एक अलग से फंड में रखा
जाएगा। इसका उपयोग खासकर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सहयोग देने के लिए
किया जाएगा। दरअसल, ग्रीन सेस का विचार पेट्रोल पर केंद्र सरकार द्वारा
लगाए जाने वाले कई तरह के सेस को देखते हुए आया है। पेट्रोल की वर्तमान
में जो कीमत वसूली जा रही है, उस पर आधी से अधिक इसी तरह के करों का
हिस्सा है। यह सड़क सुधार से लेकर पर्यावरण सुधार के नाम पर वसूला जाता है।
उत्ताराखंड सरकार का ग्रीन सेस का कांसेप्ट भी इसी आधार पर सामने आया है।
उत्ताराखंड पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। दून घाटी में
जिस तरह वाहन प्रदूषण बढ़ रहा है, उससे यहां के प्राकृतिक वातावरण पर बुरा
प्रभाव देखा जा रहा है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाकर लोगों
में इसका उपयोग अधिक से अधिक करने का रुझान बढ़ाने की योजना है। सूत्रों
ने बताया कि परिवहन विभाग में तैयार हो रहे ग्रीन सेस संबंधी इस प्रस्ताव
पर कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही अंतिम मुहर लग पाएगी।

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