रायपुर। छत्तीसगढ़ में केंद्रीय विद्यालयों
की तर्ज पर 74 माडल स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इनमें से
सबसे ज्यादा माडल स्कूल राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में खोले जाएंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के
शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े 74 विकासखण्डों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा देने के लिए केन्द्रीय विद्यालयों की तर्ज पर मॉडल स्कूल खोलने की
प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन मॉडल स्कूलों में छठवीं से बारहवीं तक पढ़ाई
होगी। प्रथम चरण में 20 विकासखण्डों में मॉडल स्कूल खोलने के लिए प्रदेश
सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्वीकृति
प्रदान कर दी है। राज्य के शेष 54 पिछड़े विकासखण्डों के लिए राज्य सरकार
ने प्रस्ताव केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को भेज दिया है।
राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अधिकारियों ने बताया कि प्रथम चरण में
खुलने वाले मॉडल स्कूलों की प्रशासकीय स्वीकृति का आदेश यहां राजीव गांधी
शिक्षा मिशन के राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा जारी कर दिया गया है। ये
सभी स्वीकृत 20 मॉडल स्कूल इस वर्ष आगामी शिक्षा सत्र से शुरू हो जाएंगे।
इनमें से सर्वाधिक 17 मॉडल स्कूल राज्य के आदिवासी बहुल और नक्सल पीड़ित
सरगुजा और बस्तर संभाग में खोले जाएंगे। सरगुजा जिले में 11 और बस्तर
संभाग के बीजापुर जिले में दो तथा दक्षिण बस्तर जिले में चार मॉडल स्कूल
खोलने की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि
मॉडल स्कूलों में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा स्वीकृत
पाठयक्रम की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होगी। मॉडल स्कूल की योजना
केन्द्रीय विद्यालय की तर्ज पर शुरू की जा रही है। प्रत्एक मॉडल स्कूल के
भवन निर्माण का प्रोजेक्ट तीन करोड़ रूपए का होगा। इस प्रकार 74 मॉडल
स्कूलों के भवन निर्माण पर 222 करोड़ रुपए की लागत आएगी। वर्तमान में राजीव
गांधी शिक्षा मिशन के राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा प्रत्येक स्कूल भवन
के निर्माण के लिए डेढ़ करोड़ रुपए का आवंटन जारी कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रत्एक मॉडल स्कूल परिसर 10 एकड़ क्षेत्र में
विकसित होगा। राज्य शासन द्वारा प्रथम चरण में स्वीकृत 20 मॉडल स्कूलों के
परिसरों के लिए जमीन उपलब्ध करा दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने
राज्य के 146 में से 74 विकासखण्डों को शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े
विकासखण्डों की श्रेणी में रखा है। इन्हीं पिछड़े विकासखण्डों में मॉडल
स्कूल की योजना शुरू की जा रही है।