पटना कोसी के बाढ़ प्रभावित इलाकों में
विश्व बैंक की मदद से पुनर्निर्माण की बात आगे बढ़ी है। पहले चरण में
विश्व बैंक आठ सौ करोड़ रुपये की मदद राज्य सरकार को उपलब्ध करायेगा। विश्व
बैंक के दक्षिण एशिया रिजनल कोआर्डिनेटर क्रिस्टोफ पुच के नेतृत्व में एक
टीम ने कोसी के प्रभावित इलाकों में कई दिनों तक घूमने के बाद गुरुवार को
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भेंट की। इस बाबत मुख्यमंत्री ने बताया कि
विश्व बैंक की टीम दो फेज में कोसी के लिए काम करना चाहती है। पहले चरण
में वह ध्वस्त हुए मकानों व पुलों के पुनर्निर्माण में सहायता के साथ-साथ
जीविका के उपाय और तकनीकी क्षमता के विस्तार पर मदद करेगी। दूसरे चरण के
तहत उनकी योजना बाढ़ प्रवण सभी जिलों के बाढ़ प्रबंधन के लिए विस्तृत
कार्ययोजना बनाने की है। विश्व बैंक के अधिकारियों ने राज्य सरकार को
आश्वस्त किया है कि वे अपनी रिपोर्ट विश्व बैंक को भेजेंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोसी की आपदा के समय पुनर्वास व पुनर्निर्माण
में सहायता के लिए जब राज्य सरकार ने केंद्र के पास अपनी रिपोर्ट भेजी थी
तो उस वक्त एक रिपोर्ट विश्व बैंक के लिए भी भेजी गयी थी। केंद्र से आग्रह
किया गया था कि वह इस रिपोर्ट को विश्व बैंक के पास भेज दे। इसके पीछे यह
उद्देश्य था कि अगर आपदा प्रभावितों के लिए केंद्र से कोई मदद नहीं मिलती
है तो राज्य सरकार विश्व बैंक की मदद से पीड़ितों के लिए काम करेगी। राज्य
सरकार की उक्त रिपोर्ट के परिपेक्ष्य में ही विश्व बैंक की टीम कोसी के
इलाके में फील्ड स्टडी के लिए गयी थी।
इस बाबत विकास आयुक्त केसी साहा ने बताया कि विश्व बैंक कोसी
पुनर्निर्माण के लिए प्रथम चरण में आठ सौ करोड़ रुपये उपलब्ध करायेगा। पहले
चरण में क्षतिग्रस्त मकानों के पुनर्निर्माण, सड़क व पुलिया तथा लाइवलीहुड
प्रोजेक्ट के लिए पैसा मिलेगा। द्वितीय चरण में विश्व बैंक द्वारा कृषि
उत्पादकता व बाढ़ प्रबंधन के लिए बड़ी ऋण राशि मिलेगी। ऐसी संभावना है कि
चार-पांच माह के अंदर कोसी पुनर्निर्माण के लिए विश्व बैंक की सहायता
मिलनी आरंभ हो जायेगी।
विश्व बैंक के क्षेत्रीय समन्वयक क्रिस्टोफर पुच ने बताया कि उनकी टीम
ने सुपौल व मधेपुरा जिला का भ्रमण किया। कोसी में राज्य सरकार द्वारा सही
तरीके से पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। चल रहे लाइवलीहुड प्रोजेक्ट को और
अधिक विस्तारित किया जायेगा। विश्व बैंक की टीम ने लगभग एक घंटे तक
मुख्यमंत्री से बात की। टीम में लीड एरिगेशन इंजीनियर सस्टेनबल डेवलपमेंट
डिपार्टमेंट के जूप स्टाटजेसडिक, सीनियर कंट्री आफिसर, मंदाकिनी कौल भी
शामिल थीं।