नई
दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अति लघु व छोटी औद्योगिक यूनिटों को अब बैंकों से
दस लाख रुपये तक का कर्ज बिना किसी जमानत के मिलेगा। रिजर्व बैंक ने
बैंकों को आगाह किया है कि वे इन एसएमई यूनिटों से इस राशि तक के कर्ज के
लिए कोई जमानत मुहैया कराने का दबाव न डालें। अभी तक यह सुविधा पांच लाख
रुपये तक के कर्ज पर उपलब्ध थी।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के मुताबिक अति लघु व छोटी यूनिटों को
ज्यादा और आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने को लेकर बने कार्यदल की सिफारिशों
के मुताबिक यह कदम उठाया गया है। पूर्व कैबिनेट सचिव टीकेए. नायर की
अध्यक्षता में बनी इस टास्क फोर्स ने अति लघु और छोटी और मझोली यूनिटों के
विकास पर एक रिपोर्ट सरकार को दी थी। टास्क फोर्स की कई सिफारिशों में एक
इस क्षेत्र को आसान कर्ज उपलब्ध कराने की भी थी। इन सिफारिशों में कहा गया
था कि सभी कामर्शियल बैंकों को इस क्षेत्र को दिए जाने वाले कर्ज में हर
साल 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करनी चाहिए। जबकि अकेले अति लघु यूनिटों को
मिलने वाले कर्ज में हर साल 15 प्रतिशत वृद्धि की बैंकों से अपेक्षा की गई
थी। कार्यदल की इन्हीं सिफारिशों पर अमल करते हुए रिजर्व बैंक ने एसएमई के
लिए जमानत की शर्त में ढील दी है। समिति ने यह सिफारिश इस बात को ध्यान
में रखते हुए की थी कि मौजूदा अर्थव्यवस्था में अति लघु व छोटी यूनिटों की
परियोजना लागत में भी बढ़ोतरी हो गई है। इसलिए अब इन यूनिटों को कर्ज की
राशि भी बढ़ गई है।