ब्रुसेल्स।
संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने कहा है कि धनी देशों को जलवायु परिवर्तन
के मुद्दे पर विकासशील देशों को मदद मुहैया कराने की अपनी प्रतिबद्धता
निभानी चाहिए, ताकि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए
वैश्विक समझौते पर प्रगति हो सके।
यूरोपीय संघ, अमेरिका और अन्य धनी देशों ने अगले तीन सालों में गरीब
देशों को 30 अरब डालर की सहायता देने का वायदा किया है, ताकि वे ग्लोबल
वार्मिग से लड़ सकें।
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सचिवालय के प्रमुख एवो डे बोएर कहा
कि संयुक्त राष्ट्र सहायता राशि पर निगरानी रख सकता है, ताकि यह सुनिश्चित
किया जा सके कि धनी देश नया धन उपलब्ध करा रहे हैं और इस काम में उस धन को
नहीं लगा रहे हैं, जो गरीबी उन्मूलन के लिए तय किया गया है। उन्होंने कहा
कि यह चिंता का विषय है कि उसी धन को जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर सहायता के
लिए दिया जा रहा है, जो गरीबी से लड़ने के लिए तय था।