नई
दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। सुरक्षा बलों के जारी अभियान में शनिवार को
पश्चिम बंगाल में जवानों की नक्सलियों से मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में एक
व्यक्ति मारा गया है। जबकि झारखंड में सारंडा के जंगल में सुरक्षा बलों का
जारी अभियान शनिवार को रुक गया।
नक्सल प्रभावित पश्चिम मेदिनीपुर जिले के ग्वालतोड़ थाना क्षेत्र के
भालुकबासा में शनिवार की सुबह से शाम छह बजे तक सुरक्षा बलों और नक्सलियों
के बीच मुठभेड़ चली। शुरू में माकपा की हर्मद वाहिनी व नक्सलियों के बीच
मुठभेड़ होने और उसमें तीन लोगों के मारे जाने की बात सामने आई। लेकिन
पुलिस अधीक्षक मनोज वर्मा ने कहा कि मुठभेड़ पुलिस जवानों और नक्सलियों के
बीच हुई है। उन्होंने कहा कि भालूकबासा जंगल से एक अज्ञात व्यक्ति का शव
बरामद किया गया है लेकिन इसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि
एक बंदूक और पचास कारतूस भी मिले हैं। जंगलों में छिपे माओवादी भाग न
पाएं, इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों को सील कर दिया गया है।
विवाह मंडप से दूल्हा पकड़ा
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पश्चिम मेदिनीपुर जिले के माओवाद प्रभावित झाड़ग्राम थाना क्षेत्र के
वृंदावनपुर में तलाशी अभियान के दौरान पुलिस ने शुक्रवार की रात विवाह
मंडप से दूल्हा सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक
उनके पास से एक बंदूक, दस राउंड कारतूस व कुछ माओवादी साहित्य बरामद किया
गया है। शनिवार को पांचों आरोपियों को पुलिस ने अदालत में पेश किया। कोर्ट
ने दूल्हा रामसाई हांसदा को चार दिनों की पुलिस कस्टडी एवं शेष चार लोगों
को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
तैनात होंगे एसपीओ
पश्चिम बंगाल सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए अवकाश प्राप्त
पुलिस अधिकारियों को लेकर स्पेशल फोर्स गठित करने पर विचार कर रही है।
इसके अंतर्गत स्पेशल पुलिस अफसर [एसपीओ] तैनात किए जाएंगे। माओवाद
प्रभावित बांकुड़ा, पुरुलिया और पश्चिम मेदिनीपुर में सौ-सौ विशेष पुलिस
अधिकारी [एसपीओ] तैनात होंगे, जो ड्यूटी में तैनात नियमित सुरक्षा बलों के
लिए आंख और कान की तरह काम करेंगे।
रोका गया सारंडा का अभियान
झारखंड-उड़ीसा सीमा पर फैले सारंडा जंगल में शनिवार को तीन दिन से जारी
सुरक्षा बलों के विशेष अभियान को विराम दे दिया गया। अभियान के दौरान जंगल
में कहीं भी पुलिस का नक्सलियों के साथ आमना-सामना नहीं हुआ। इस दौरान
सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के पुराने कैंप को ध्वस्त किया। सारंडा में
आपरेशन का नेतृत्व डीआईजी मनोज मिश्रा व सीआरपीएफ के डीआईजी भानु प्रताप
सिंह ने किया। इसमें 22 कंपनी सीआरपीएफ को लगाया गया था। जो पूरे साजो
समान के साथ जंगल गए थे। इधर, झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके कुंदन
पाहन के अपने दस्ते के साथ गोईलकेरा इलाके में मौजूद होने की खबर है।
खुफिया की यह सूचना है कि सारंडा के नक्सली भी गोईलकेरा की ओर पहुंच गए
हैं। वे बड़ी नक्सली घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। खुफिया सूचना के
बाद पुलिस सतर्क है।