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दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। थोड़े से कष्ट के बदले ढेर सारी खुशी मिले
तो क्या हर्ज है। यही सोचकर चिलचिलाती गर्मी झेलते रहिए। इस गर्मी में
अच्छे मानसून के संकेत छुपे हैं। और, जब बदरा जमकर बरसेंगे तो फसलों की
बुआई और कटाई जल्दी होगी। अच्छी बारिश से पैदावार बढ़ेगी और समय से बाजार
में आएगी। नतीजतन, जिन्सों की जमाखोरी करने वाले अपना माल बाजार में
निकालेंगे, जिसका असर कीमतों में गिरावट के रूप में सामने आएगा। अच्छे और
समयपूर्व मानसून की यह भविष्यवाणी देश के अलावा विदेश के मौसम विज्ञानियों
ने भी की है।
पिछले साल 83 साल में सबसे भयंकर सूखे का सामना करने वाले इस देश के
लिए इससे अच्छी खबर और क्या हो सकती है कि इस साल जमकर बारिश होगी। सिंचाई
सुविधाओं के अभाव में पूरी तरह मानसून पर निर्भर किसानों के लिए अच्छी
बारिश का मतलब है जल्दी बुआई और जल्दी कटाई। इसका फायदा यह होगा कि अगर
मानसून समय से पहले वापस चला जाए तब भी फसलों को नुकसान नहीं होगा। पिछले
साल के सूखे की मार धान के उत्पादन पर पड़ी थी जिसकी पैदावार 14 फीसदी गिर
गई थी। गन्ने के उत्पादन को भी झटका लगा था जिसकी वजह से हमें चीनी की
भारी मात्रा आयात करनी पड़ी। इसके बावजूद चीनी के दाम पचास रुपये के पार
चले गए थे।
अच्छे मानसून की संभावना जताते हुए पुणे स्थित मौसम विभाग के कृषि
मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक एन. चंट्टोपाध्याय ने बताया कि मानसून से
पहले सामान्य से ज्यादा गर्मी शुभ संकेत है। ब्रिटेन के मौसम विभाग के
विज्ञानी एम. वेलिंगा भी कहते हैं कि मानसून अच्छा रहेगा। बकौल वेलिंगा,
‘मानसून से पहले तापमान में बढ़ोतरी जारी रहेगी। मानसून आने के बाद यह
सामान्य हो जाएगा।’