भागलपुर। मंगलवार की देर रात आये तूफानी हवा
ने कोसी व सीमांचल क्षेत्र में जमकर तबाही मचाई। पूर्णिया जिले में जहां
तेज हवा एवं साथ मूसलाधार बारिश में पांच हजार से ज्यादा मकान ध्वस्त हो
गये जिसमें 41 लोगों के मरने की सूचना है। जिला प्रशासन अब तक 29 लोगों के
मारे जाने की पुष्टि कर रहा है। वहीं अररिया जिले के विभिन्न गांवों में
41 जिदंगियां निगल लीं तथा लगभग डेढ़ सौ लोग जख्मी हो गये है। करोड़ों की
संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। जिला मुख्यालय स्थित सशस्त्र सीमा बल की
28वीं बटालियन का मुख्यालय बुरी तरह ध्वस्त हो गया है। आधा दर्जन जवानों
को चोटे आयी है। अररिया मंडल कारा की पश्चिमी दीवार गिर गयी है। जेल आई के
आदेशानुसार कैदियों को पूर्णिया, कटिहार व भागलपुर कारा में स्थानांतरित
करने की कार्रवाई की जा रही है। सुपौल के सरायगढ़,
किसनपुर,छातापुर,त्रिवेणीगंज,सुपौल, पिपरा, बसंतपुर में व्यापक क्षति की
सूचना है। सरायगढ़ में जहां एक महिला की मौत हो गयी वहीं कई घायल हो गये।
दर्जनों पशुओं के मारे जाने की खबर है। सहरसा में सौ से अधिक गरीबों की
झोपड़ी उड़ा ले गयी। आंधी ने विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को भी छिन्न-भिन्न कर
दिया।
पूर्णिया से मिली जानकारी के अनुसार,जिले के जलालगढ़ प्रखंड में आठ
कसबा प्रखंड में तीन, डगरूआ में छह, बायसी में चौदह, अमौर में आठ एवं
श्रीनगर प्रखंड एवं वैसा प्रखंड में एक के मरने की सूचना है। करोड़ों की
संपत्ति एवं फसल की क्षति की संभावना है। बताया जाता है कि पूर्णिया जिले
के बायसी एवं अमौर प्रखंड में तूफानी हवा ने सबसे ज्यादा तबाही मचायी है।
इसके बाद कसबा एवं जलालगढ़ प्रखंड में भी इसका व्यापक असर देखने के मिला
है। कई फूस के बने हुए मकान कई मीटर दूर तक उड़कर चले गये हैं। तूफानी हवा
के झौंके से बिजली के खंभे उखड़ जाने के कारण विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था
भी बुरी तरह चरमरा कर रह गयी है। बायसी के खपड़ा में तीन लोगों की मौत हुई
है। पुण्डालय में पति पत्नी और बच्चे की मौत हो गयी। वनगांवा के सूरत लाल
शर्मा एवं हरिप्रसाद शर्मा की भी मौत हो गयी। इसके अलावा मल्हरिया में दो
लोगों की मौत मकान के नीचे दब जाने के कारण हो गयी। डीएम डा. एन सरवन
कुमार ने बताया कि अभी तक मिली सूचना के अनुसार 29 लोगों के मारे जाने की
सूचना प्रशासन को मिली है। किशनगंज के पिछड़़ा पंचायत में एक की मौत मौत हो
गई है।
अररिया से मिली जानकारी के अनुसार,तूफान के कारण अररिया प्रखंड में
15, जोकीहाट प्रखंड में 12, रानीगंज प्रखंड में 10, फारबिसगंज में 03 तथा
भरगामा में 01 की मौत हो गयी है तथा तीन दर्जन से अधिक लोग जख्मी है। आधी
रात से ही तूफान पीड़ित गांवों में कोहराम मचा हुआ है। तड़के सुबह से ही लोग
अपने टूटे आशियानों को सहेजने में लग गये है। इधर, अररिया में डीडीसी सह
प्रभारी जिलाधिकारी उदय कुमार सिंह ने जेल की टूटी दीवार का मुआयना करने
के बाद बताया कि कैदियों के वार्ड में होनेके कारण किसी के हताहत होने या
भागने की सूचना नहीं है। दीवार मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है
उन्होंने बताया कि कैदियों को पूर्णिया मंडल कारा में शिफ्ट किया जा रहा
है। वहीं एसएसबी 28 वी बटालियन का जयप्रकाश नगर स्थित मुख्यालय रात के
तूफान में बुरी तरह ध्वस्त हो गया। आधा दर्जन जवानों को गंभीर चोटें लगी
है। वहीं, जवान व अधिकारियों के आवास, रिक्रिएशन हाल, भोजन कक्ष, जिम,
कंप्यूटर, टीवी, सोलर लाइट आदि तबाह हो गये है। आंधी में गेहूं, मकई, केला
आदि फसलों की व्यापक पैमाने पर क्षति का अनुमान है। विभिन्न प्रखंडों के
प्रखंड विकास पदाधिकारी क्षेत्र का दौरा कर क्षति का आंकलन व मरने वालों
की सूची तैयार करने में जुटे हैं।
सहरसा में आंधी का सबसे अधिक प्रभाव तटबंध के अंदर के गावों में देखा
गया। तटबंध के अंदर करीब छह दर्जन झोपड़ियों को आंधी उड़ा ले गयी या फिर
उन्हें धाराशायी कर दिया। जिला मुख्यालय में निर्माणाधीन इंडडोर स्टेडियम
का करीब 15 फुट लंबी और पांच फुट उंची दीवाल में आंधी में गिर गयी है।
मधेपुरा में गरीबों की झोपड़ियां, गेहूं की कटी फसल और आम के टिकोले को
नुकसान पहुंचाया वहीं तेज धूप और उमस से लोगों को छुटकारा मिला है।
शंकरपुर प्रखंड में एक वृद्धा की गिरे घर के नीचे दबकर मौत हो गयी।
सुपौल जिले में व्यापक तबाही हुई है। सरायगढ़,
किसनपुर,छातापुर,त्रिवेणीगंज,सुपौल, पिपरा, बसंतपुर में व्यापक क्षति की
सूचना है। सरायगढ़ में जहां एक महिला की मौत हो गयी वहीं कई घायल हो गये।
दर्जनों पशुओं के मारे जाने की खबर है।