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दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गांव वालों की सेहत पर ध्यान देने के मामले में
तमिलनाडु सबसे आगे रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय
ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यों के प्रदर्शन का आकलन करने के बाद
तमिलनाडु को नंबर एक पर रखा है। पिछड़े राज्यों के बीच राजस्थान को और
उत्तर-पूर्व के राज्यों में असम को इस योजना के अमल में अव्वल पाया गया
है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन [एनआरएचएम] के पांच साल पूरे होने
के मौके पर सोमवार को उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने इन राज्यों को बेहतर
प्रदर्शन के लिए पुरस्कार से भी नवाजा। साथ ही अपील की कि इस योजना के तहत
अब इलाज के साथ ही बचाव पर भी बराबर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि गांवों में
प्रशिक्षित नर्सो की कमी बहुत जल्द दूर कर ली जाएगी। इसके लिए 265 नए
नर्सिग कालेज शुरू कर नर्सो की सीटों में 20 हजार और पैरामेडिकल की सीटों
में 10 हजार की बढ़ोतरी की जानी है।
आजाद के मुताबिक उन सभी जिलों में ऐसे संस्थान खोलने में स्वास्थ्य
मंत्रालय मदद करेगा, जो बेहद पिछडे़ और दूर-दराज के क्षेत्र में हैं और
जहां अब तक ऐसा एक भी संस्थान नहीं है। इन संस्थानों के जरिए आने वाले
वर्षो में जीएनएम [ग्रेजुएट इन नर्सिग एंड मिडवाइफरी] और एएनएम [एक्जीलरी
नर्सिग मिडवाइफ] की कमी दूर हो सकेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए जल्दी ही एक व्यापक
अभियान शुरू करने का वादा भी किया। उन्होंने कहा कि इस योजना का मसौदा
पूरा हो चुका है और अब इस पर राज्यों के साथ मशविरा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में जो भी नीति बनेगी, वह कानूनन बाध्यकारी नहीं
होगी।