नई
दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण [एडीए] के
उपाध्यक्ष से सूर्य विहार कालोनी में पार्क की जमीन पर हुए अवैध निर्माण
के बारे में जवाब तलब किया है। कोर्ट ने उपाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि
वह हलफनामा दाखिल कर बताए कि निर्माण ढहाने पर निचली अदालत द्वारा लगाई गई
रोक को हटवाने के लिए प्राधिकरण ने क्या किया।
न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्थानीय निवासी
कृपाशंकर की याचिका पर सुनवाई के बाद ये आदेश जारी किए। इससे पहले
कृपाशंकर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया ने कहा कि एडीए ने
सुप्रीमकोर्ट के नोटिस के जवाब में बताया है कि निचली अदालत के रोक आदेश
के कारण पार्क की जमीन पर हुए निर्माण को नहीं ढहाया जा सका। लेकिन निचली
अदालत के रोक आदेश की जानकारी एडीए ने हाईकोर्ट को नहीं दी थी। यही नहीं
निचली अदालत ने अप्रैल 2007 में निर्माण ढहाने पर रोक लगाई थी। प्राधिकरण
से पूछा जाए कि पिछले तीन सालों में उसने रोक आदेश हटवाने के लिए क्या
किया। हंसारिया ने कहा कि निर्माण अवैध है। प्राधिकरण भी यह बात जानता है
लेकिन निर्माण कराने वाले बिल्डर से मिली भगत के कारण प्राधिकरण के
अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। पीठ ने उनकी दलीलें सुनने के बाद
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।