जम्मू
[गुलदेव राज]। बदलते जमाने में महिलाएं हर क्षेत्र में प्रवेश कर सबको
हैरान कर रही हैं। अब तो औरतें बड़े-बड़े पदों पर भी अपनी दस्तक दे रही हैं।
आजादी के 62 सालों बाद आज स्कूल, कालेज, अस्पतालों, विभिन्न सरकारी व गैर
सरकारी संस्थानों की छोटी बड़ी सब नौकरियों में औरतों की अच्छी भागीदारी
नजर आती है।
मगर जम्मू-कश्मीर में तो औरतों ने नौकरियों में पुरुषों का पत्ता ही
काटने का मन बना लिया है। ये महिलाएं प्रदेश में ऐसा बैंक खोलने की तैयारी
में हैं जहां पुरुषों को नहीं, बल्कि महिलाओं को ही नौकरियां मिल सकेंगी।
इन महिला बैंकों में चपरासी से लेकर चेयरपर्सन तक के पदों पर औरतों का राज
रहेगा। यहां तक कि बैंक में गार्ड का पद भी औरतों से ही भरा जाएगा। बोर्ड
आफ डायरेक्टर भी महिलाएं ही होंगी।
जम्मू-कश्मीर में इन प्रस्तावित बैंकों को खोलने के लिए महिलाओं ने
बड़े तौर पर जागृति अभियान छेड़ दिया है। औरतों को एक-एक हजार के शेयर
आवंटित कर उनको सदस्यता देने का काम शुरू किया जा चुका है। जैसे ही जम्मू
व कश्मीर संभाग में में तीन-तीन हजार की सदस्यता पूरी हो जाएगी। महिलाएं
अपने को-आपरेटिव संस्थानों को बैंक में बदलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक
के पास आवेदन कर एमओयू [मेमोरेंडम आफ अंडरस्टेंडिंग] साइन करेंगी।
अभी शेयर के पैसे को दूसरे बैंक में रख कर महिलाओं ने महिला बैंक के
कामकाज का श्रीगणेश कर दिया है। जम्मू क्षेत्र के मढ़ व रंधवाल में दो
शाखाएं आरंभ हो चुकी हैं यहां ट्रांजिक्शन 30 लाख तक हो गई है। जम्मू
क्षेत्र में इस बैंक की पहचान ‘द जम्मू वीमेन क्रेडिट को-आपरेटिव बैंक’ के
तौर पर होगी, जबकि कश्मीर में यह बैंक ‘द कश्मीर वीमेन क्रेडिट को-आपरेटिव
बैंक’ के नाम से जाना जाएगा। कोई भी बैंक में महज 50 रुपये से भी बैंक
खाता खुलवा सकता है। इस लिहाज से यह बैंक अन्य की अपेक्षा जनता के काफी
नजदीक होगा।
1100 महिलाएं बन चुकी हैं बैंक की सदस्य
जम्मू डिवीजन में प्रस्तावित इस बैंक की चेयरपर्सन कैलाश कुमारी का
कहना है कि संभाग में 1100 महिलाओं को शेयर देकर सदस्य बनाया जा चुका है।
वहीं, बैंक ने भी महिलाओं को पांच से 50 हजार रुपये तक के कर्ज देने आरंभ
कर दिए हैं। अब तक 90 औरतों को बैंक लोन भी दे चुका है। अगले साल तक
तकरीबन 20 शाखाएं जम्मू क्षेत्र में खोलने के प्रयास चल रहे हैं।
फिलहाल अभी हम रजिस्ट्रार को-आपरेटिव से रजिस्टर्ड हैं और जल्दी ही हम
भारतीय रिजर्व बैंक के पास बैंक के लिए आवेदन करेंगे। वहीं, कश्मीर में
प्रस्तावित द कश्मीर वूमेन क्रेडिट को-आपरेटिव बैंक की चेयरपर्सन निघात
शफी का कहना है कि कश्मीर में भी महिलाओं को शेयर देने का काम जारी है। अब
तक एक हजार औरतों को सदस्यता दी जा चुकी है और 40 महिलाएं लोन भी पा चुकी
हैं। आने वाले समय में महिला सशक्तिकरण में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।