सीकर. राज्य की साढ़े चार हजार स्कूलों
में बच्चे घंटी बजाने और सफाई का कार्य कर रहे हैं। यह स्थिति इसलिए है,
क्योंकि प्रदेश की चार हजार 529 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में
सहायक कर्मचारी का पद स्वीकृत नहीं है।
इसी वजह से, सरकारी स्कूलों में घंटी बजाने, स्कूल की सफाई व वजनी
सामान उठाने का कार्य बच्चों से कराया जाता है। हालांकि कई स्कूलों में यह
कार्य स्कूल विकास समिति के फंड से कर्मचारी रखकर करवाए जा रहे हैं, लेकिन
हजारों स्कूलों में बच्चों से ही ऐसे कार्य करवाए जा रहे हैं।
आंकड़ों के मुताबिक सीकर की 193, चूरू की 152 व झुंझुनूं की 143
स्कूलों में सहायक कर्मचारी का पद स्वीकृत नहीं है। राज्य के अन्य जिलों
में हालात : हनुमानगढ़ में 35, बीकानेर में 92, श्रीगंगानगर में 152,
उदयपुर में 191, राजसमंद व चित्तौड़गढ़ में 141-141, डूंगरपुर में 155,
बांसवाड़ा में 108, प्रतापगढ़ में 55, अजमेर में 167, भीलवाड़ा में 167,
टोंक में 227, नागौर में 227, कोटा में 83, बूंदी में 87, झालावाड़ में
193, बारां में 146,भरतपुर में 147, धौलपुर में 89, सवाईमाधोपुर में 128,
करौली में 61, जालौर में 105, सिरोही में 83, पाली में 182, बाड़मेर में
189, जैसलमेर में 38, जोधपुर में 181, जयपुर में 238, अलवर में 236 व दौसा
की 102 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का
पद स्वीकृत नहीं है।
सहायक कर्मचारी का पद स्वीकृत नहीं होने से स्कूलों की सफाई, घंटी
बजाने, पोषाहार पकाने और वजनी सामान उठाने के कार्य बच्चों से नहीं करवाए
जा रहे हैं। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में स्कूल समिति एवं
संस्था प्रधान स्तर पर अस्थाई व्यवस्था कर रहे हैं।
मास्टर भंवरलाल मेघवाल, शिक्षा मंत्री
जल्द लगेंगे सहायक कर्मचारी
शिक्षा मंत्री के मुताबिक, स्कूलों में सहायक कर्मचारी के पद सृजित
करने का प्रस्ताव दे रखा है, पद आवंटित होने पर इन स्कूलों में चतुर्थ
श्रेणी कर्मचारियों के पद स्वीकृत किए जाएंगे।