सीकर. भ्रूण लिंग परीक्षण के खुलासे के
जरिए जांच के दायरे में आए शहर के फतेहपुर रोड स्थित भूमिका अस्पताल व
नवलगढ़ रोड स्थित खीचड़ अस्पताल के संचालकों को ही नहीं बल्कि बिल्डिंग के
नाम से भी अब सोनोग्राफी मशीन नहीं मिल पाएंगी।
दरअसल यह इस तरह गतिविधियां पकड़ में आने के बाद नियमों में है। फिलहाल
स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है। इसके बाद ही
कोर्ट में इस्तगासा दायर किया जाएगा।
गौरतलब है कि शुक्रवार को शहर के भूमिका व खीचड़ अस्पताल में स्वास्थ्य
व प्रशासन की टीम ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए भ्रूण लिंग परीक्षण के मामले
पकड़े थे।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह नियमों में है कि यदि किसी अस्पताल में
इस तरह गतिविधि पकड़ में आती है, तो आगे से उसे अस्पताल को सोनोग्राफी
सेंटर को लाइसेंस नहीं मिलता है। इसके अलावा मशीन, पुराने रिकार्ड और एफ
फार्म को लेकर जांच की जा रही है।
जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इस्तगासा दायर किया जाएगा। सीएमएचओ
डा. आरके मीणा ने बताया कि फिलहाल मामले की छानबीन की जा रही है। इसके बाद
साक्ष्यों के आधार पर इस्तगासा दायर होगा।