15 लाख किसानों के फसलों का 173 करोड़ रुपए का बीमा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले दो सालों में
15 लाख से भी ज्यादा किसानों के फसलों का बीमा कराया गया है, जिसमें से दो
लाख किसानों को 68 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति मिली है।

आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्ताीसगढ़ में पिछले दो सालों
में यहां के 15 लाख 25 हजार किसानों के रबी और खरीफ की फसलों का 173 करोड़
46 लाख रुपए से अधिक राशि का बीमा कराया गया है। किसानों की फसलों का बीमा
राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत कराया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत पिछले दो सालों में 44 करोड़ 22
लाख रुपए से अधिक की प्रीमियम राशि फसलों का बीमा कराने के लिए जमा की गई
है। योजना के तहत वर्ष 2008-09 में खरीफ मौसम की बीमित फसलों के लिए सात
लाख 95 हजार किसानों को और रबी मौसम की फसलों के लिए 36 हजार 709 किसानों
को लगभग 68 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति का भुगतान भी दिलाया गया है।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं, रोगों तथा
कृमियों के कारण फसलों के नष्ट होने की दशा में बीमित किसानों को आर्थिक
सहायता प्रदान करने के लिए राज्य भर में राष्ट्रीय कृषि फसल बीमा योजना
लागू की गई है।

उन्होंने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत राज्य शासन द्वारा कृषि
विभाग के माध्यम से वर्ष 2008 के खरीफ मौसम में सात लाख 91 हजार 664
किसानों ने अपनी 14 लाख 86 हजार हेक्टेयर रकबे में लगी फसलों का बीमा
कराया था। इनमें से कृषि विभाग द्वारा दो लाख 36 हजार 537 किसानों को
क्षतिपूर्ति राशि से लाभान्वित किया गया। इन किसानों को 68 करोड़ पांच लाख
रुपए क्षतिपूर्ति की राशि वितरित की गई है। वर्ष 2008-09 के रबी मौसम में
36 हजार 709 किसानों ने 84 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लगी रबी फसलों का
बीमा कराया है। खरीफ 2009 में राज्य के छह लाख 97 हजार 23 किसानों ने
प्राकृतिक आपदाओं से फसलों में होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए
अपनी फसलों का 77 करोड़ 73 लाख रुपए से अधिक का बीमा कराया है।

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ
मौसम में धान सिंचित, धान असिंचित, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन और अरहर को
शामिल किया गया है।

रबी मौसम में गेहूं सिंचित, गेहूं असिंचित, चना, राई-सरसों, अलसी और आलू को राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत शामिल किया गया है।

बीमा योजना में किसानों को क्षतिपूर्ति दावे का भुगतान प्राकृतिक
आपदाओं जैसे सूखा या अल्पवर्षा, ओला, बाढ़, बिजली गिरने से आग लगने, फसल
में रोग और कीट प्रकोप, तुफान-चक्त्रवात, भू-स्खलन, जल प्लावन आदि होने पर
किया जाता है।

उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ अऋणी कृषकों के लिए ऐच्छिक और ऋणी
कृषकों के लिए अनिवार्य है। इस योजना में सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत
कृषकों को बीमा के प्रीमियम में दस प्रतिशत का अनुदान भी दिया जा रहा है।
ऐसे कृषक जिन्होंने इस वर्ष किसी भी बैंक से खेती केलिए किसी प्रकार का
कर्जा नहीं लिया है, वे भी इस बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं।

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