रायपुर। छत्तीसगढ़ में वर्तमान रबी मौसम में अभी तक 16.32 लाख हेक्टेयर रकबे में रबी फसलों की बुवाई पूरी हो गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि चालू रबी मौसम के दौरान
छत्तीसगढ़ में अब तक 16 लाख 32 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में गेहूं,
चना, मटर, सरसों और अलसी सहित रबी की विभिन्न फसलों की बुवाई पूरी हो गई
है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस वर्ष रबी मौसम में दलहनी-तिलहनी
फसलों का रकबा बढ़ाने के विशेष प्रयास किए गए हैं, जिसके फलस्वरूप पिछले
वर्ष की तुलना में चालू रबी मौसम में चने के रकबे में 12 प्रतिशत और सरसों
के रकबे में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस दौरान रबी मौसम में ली जाने
वाली ग्रीष्मकालीन धान के रकबे में 46 प्रतिशत की कमी आई है।
उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक लगभग तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र में
अनाज, आठ लाख 56 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन तथा दो लाख 93 हजार
हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन फसलें बोई गई हैं। राज्य शासन द्वारा इस रबी
मौसम के लिए निर्धारित 17 लाख 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खेती के
विरूद्ध अब तक 91 प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति हो गई है। राज्य में पिछले
वर्ष की तुलना में चालू रबी मौसम में गेहूं का रकबा भी 12 प्रतिशत बढ़ा
है। किसानों ने एक लाख 83 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में गन्ना,
साग-सब्जी सहित अन्य फसलों की भी बुवाई पूरी कर ली है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में चालू रबी मौसम
में दलहनी फसलों के तहत चना लगभग तीन लाख 36 हजार हेक्टेयर रकबे में,
तिवड़ा तीन लाख 92 हजार हेक्टेयर रकबे में लगाया जा चुका है। इस दौरान मटर
46 हजार हेक्टेयर रकबे में, मसूर लगभग 26 हजार हेक्टेयर में, मूंग लगभग 21
हजार हेक्टेयर में, कुलथी 18 हजार तीन सौ हेक्टेयर में, उड़द 10 हजार आठ सौ
हेक्टेयर में और अन्य दलहनी फसलें चार हजार 620 हेक्टेयर रकबे में बोई गई
हैं।
किसानों ने तिलहनी फसलों में एक लाख 61 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे
में सरसों तथा 87 हजार हेक्टेयर रकबे में अलसी फसल के बीज बो दिए हैं।
वहीं लगभग एक लाख 84 हजार हेक्टेयर रकबे में गेहूं, 91 हजार हेक्टेयर
क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन धान और साढ़े 16 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में
मक्का की फसल लगाई जा चुकी हैं।