नई
दिल्ली। सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पर बने गतिरोध का कोई समाधान
निकालने के लिए सोमवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। विधेयक का मौजूदा
स्वरूप में यादव तिकड़ी कड़ा विरोध कर रही है।
लोकसभा में सदन के नेता तथा वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इस मुद्दे
को लेकर सभी दलों की यह बैठक बुलाई है क्योंकि सरकार गतिरोध का जल्द कोई
समाधान निकालना चाहती है।
विधेयक को राज्यसभा पहले ही पारित कर चुकी है और अब इसे 15 अप्रैल से
बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने पर लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना
है।
सरकार इस मामले में आगे बढ़ने को इच्छुक है, लेकिन बताया जाता है कि
विरोध कर रहे नेताओं के कद को देखते हुए वह बल प्रयोग करने को इच्छुक नहीं
है। गौरतलब है कि राज्यसभा में विधेयक का विरोध करने वाले सदस्यों को बाहर
निकालने के लिए मार्शलों को बुलाया गया था लेकिन इस फैसले की बाद में कड़ी
आलोचना हुई।
विधि मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार बजट
सत्र के दूसरे चरण में विधेयक को मौजूदा स्वरूप में ही आगे बढ़ाएगी।
उन्होंने विधेयक में किसी प्रकार का बदलाव किए जाने से इनकार किया था।
उधर, विधेयक का विरोध करने वालों ने साफ कर दिया है कि मौजूदा स्वरूप
में विधेयक का पुरजोर विरोध किया जाएगा और यदि सरकार आरक्षण का प्रतिशत
घटाती है या आरक्षण के फैसले को पार्टियों पर छोड़ती है तो वे चर्चा के लिए
तैयार हो सकते हैं।
तीन राजनीतिक दलों समाजवादी पार्टी, जनता दल [यू] तथा राजद ने संकेत
दिया है कि वे सदन में अपनी पुरजोर ताकत के साथ विधेयक का विरोध करेंगे।
इन दलों के नेता क्रमश: मुलायम सिंह यादव, शरद यादव तथा लालू प्रसाद यादव
हैं।
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक का
मौजूदा स्वरूप में विरोध करती रहेगी और हमें हमारी मांगों को लेकर सरकार
के रवैए में कोई ठोस बदलाव नहीं दिखता है। सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने
पहले सुझाव दिया था कि सभी दलों को महिला उम्मीदवारों को अधिकतम 20 फीसदी
टिकट देना चाहिए और ऐसा करने में विफल रहने वाले दलों की मान्यता रद्द कर
देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार ने शुरुआत में हमारे सुझाव को स्वीकार कर लिया
लेकिन बाद में नकार दिया। उन्होंने साथ ही कहा कि मुझे बैठक से कोई नतीजा
निकलता नहीं दिखता। वैसे, मुलायम सिंह जी, लालू जी और शरदजी, दोनों से
लगातार संपर्क में हैं और विधेयक के विरोध को लेकर तीनों दल एकजुट हैं।
सिंह ने कहा कि सपा दलित और मुस्लिम महिलाओं के लिए भी आरक्षण की मांग
कर रही है लेकिन सरकार ने इस मांग पर कभी ध्यान नहीं दिया। सपा महासचिव ने
कहा कि सरकार प्रभावी तबके की मदद से राज्यसभा में विधेयक को पारित कराने
में सफल रही। लेकिन यदि सरकार इसे मौजूदा स्वरूप में लोकसभा में लाती है
तो हम इसकाविरोध करेंगे।
मोहन सिंह ने कहा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और पार्टी के अन्य
सांसद बैठक में भाग ले सकते हैं। लेकिन उधर बार-बार प्रयास करने के बावजूद
इस मद्दे पर टिप्पणी के लिए जद [यू] प्रमुख शरद यादव से संपर्क नहीं हो
सका।
यादव तिकड़ी ने इस विधेयक का पुरजोर विरोध किया है जो पिछड़े समुदायों
तथा अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए आरक्षण के भीतर आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
मुलायम सिंह और लालू प्रसाद ने विधेयक को मौजूदा स्वरूप में पेश किए जाने
की स्थिति में सरकार से समर्थन वापस लिए जाने की धमकी दी है।