नई दिल्ली। भारत में चीनी उत्पादन सितंबर में समाप्त होने वाले 2009-10 सत्र में 22 फीसदी बढ़कर 1.8 करोड़ टन हो जाने की संभावना है।
सहकारिता चीनी फैक्टरियों के राष्ट्रीय महासंघ [एनएफसीएसएफ] के प्रबंध
निदेशक विनय कुमार ने बताया कि चालू सत्र में चीनी उत्पादन सुधरकर 17.5 से
1.8 करोड़ टन हो सकता है क्योंकि गुड़ और खांडसारी बनाने के लिए गन्ने को
स्थानांतरित नहीं किए जाने के कारण पेराई के लिए इसकी पर्याप्त मात्रा में
उपलब्धता है।
भारत ने वर्ष 2008-09 के सत्र [अक्टूबर से सितंबर] में 1.47 करोड़ टन
चीनी का उत्पादन किया था। इससे पूर्व खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार ने
कहा था कि इस वर्ष चीनी का उत्पादन 1.7 करोड़ टन के स्तर को लांघ सकता है।
इस सत्र के आरंभ में चीनी उद्योग ने 1.6 करोड़ टन से थोड़ा कम रहने का
अनुमान व्यक्त किया था।
उद्योग संगठन ने देश में चीनी उत्पादन के अनुमान को बढ़ा दिया था जब
चीनी मिलों ने कहा कि वे गन्ने की बढ़ी हुई आपूर्ति के कारण अधिक पेराई कर
सकने की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में उत्पादन पहले के
50 लाख टन से कम उत्पादन के अनुमान के मुकाबले बढ़कर 63 से 65 लाख टन हो
सकता है जबकि उत्तर प्रदेश में उत्पादन इस वर्ष के 41 लाख टन से बढ़कर 52
लाख टन हो सकता है।
महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश मिलकर देश के कुल चीनी उत्पादन में से 60 प्रतिशत का उत्पादन करते हैं।