दिल्ली:
योजना आयोग ने
पेट्रोल और
डीजल की
कीमतों को
सरकारी
नियंत्रण से
मुक्त करने की
वकालत की
आयोग के
मुताबिक, अगर
सरकार ईंधन के
कीमत
निर्धारण पर
से नियंत्रण
हटाती है तो
पेट्रोल और
डीजल की
कीमतों में 4
से 6 रुपये
प्रति लीटर तक
की वृद्घि हो
सकती
है।
योजना
आयोग के
उपाध्यक्ष
मोंटेक सिंह
आहलूवालिया
ने योजना आयोग
की पूर्ण बैठक
में आयोग के
अध्यक्ष
प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह
के समक्ष कहा
कि
पेट्रोलियम
उत्पादों के
कीमत
निर्धारण की
मौजूदा
प्रणाली
अव्यावहारिक
है।
उन्होंने
कहा कि जैसा की
किरीट पारेख
समिति की
सिफारिश के
मुताबिक,
पेट्रोलियम
उत्पादों के
कीमत
निर्धारण पर
नियंत्रण
हटाए जाने की
जरूरत है।
समिति ने
सस्ती रसोई
गैस और मिट्टी
तेल की
आपूर्ति को भी
जरुरतमंद
तबके तक ही
सीमित रखने की
सिफारिश की
है।
समिति
ने इनके दाम
में कुछ
वृद्धि की
वकालत करते
हुए कहा है कि
गरीबों को
इसकी आपूर्ति
के लिये
स्मार्ट
कार्ड योजना
शुरु की जानी
चाहिए। सरकार
महंगाई बढ़ने
की आशंका में
सार्वजनिक
क्षेत्र की
तेल कंपनियों
को कीमतें
बढ़ाने की
अनुमति नहीं
देती है। लागत
से कम कीमत पर
ईंधन की
बिक्री से
होने वाले
नुकसान की
भरपाई सरकार
तेल कंपनियों
को बांड जारी
करके करती
है।