सोनिया के क्षेत्र में अपात्रों को निर्मल ग्राम पुरस्कार

रायबरेली। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र के निर्मल
गांवों में भी गंदगी फैलाने से बाज नहीं आये अफसर। इन अधिकारियों ने मानकों
को ताख पर रख अपात्र गांवों को निर्मल ग्राम पुरस्कार दिलवा दिये। यह
पुरस्कार किसी और ने नहीं बल्कि देश के राष्ट्रपति ने वर्ष 2008 में
हरियाणा के हिसार जिले में बाटे थे। पंचायतीराज विभाग के निदेशक एमएमखान ने
निर्मल ग्राम पुरस्कार पाये दसों प्रधानों से मोमेंटो वापस लेने का आदेश
दे दिया है। साथ ही योजना के जिला परियोजना समन्वयक व पंचायत सचिव के
विरुद्ध कार्रवाई का आदेश भी दिया है।

गांवों को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से शुरू हुई
निर्मल ग्राम योजना कांग्रेस अध्यक्ष के क्षेत्र में ही ढेर हो गयी। इस
योजना के तहत गांवों में शौचालयों के निर्माण के लिए जहां करोड़ों रुपये
खर्च किये गये वहीं लोगों को जागरूक करने के लिए लाखों रुपये पानी की तरह
बहाये गये। वर्ष 2008 में जिले के चयनित दस गांवों को निर्मल ग्राम
पुरस्कार योजना के लिए चयनित किया गया था।

चयन के पूर्व पंचायतीराज विभाग ने दावा किया था कि जिले के
बरखुरदारपुर, बेहटा मुर्तजा, लोहानीपुर, सैदनपुर, आलमपुर, सेमरपहा, उसरैना,
सरांय अख्तियार, खैरहनी तथा अलीपुर गांव में शत प्रतिशत लोग शौच क्रिया
घरों में बने शौचालयों में करते हैं। इस दावे की पुष्टि के लिए केंद्र से
आयी टीम ने भी जाच की और उसने पंचायतीराज विभाग के दावे पर मुहर लगा दी।
जिसके बाद हरियाणा के हिसार में आयोजित निर्मल ग्राम पुरस्कार कार्यक्रम
में उक्त दसों गांवों के प्रधानों को राष्ट्रपति ने पुरस्कृत किया।

इसके बाद इन गांवों का पुनर्परीक्षण किया गया तो पता चला कि इन गावों
में अभी मानक के अनुसार शौचालयों का निर्माण ही नहीं कराया गया है। इन
गांवों की जांच में पाया गया कि पांच गांवों का वातावरण खराब है, तीन
संतोषजनक तथा दो ठीक हैं। जांच से यह भी स्पष्ट हुआ कि उक्त गांव निर्मल
ग्राम पुरस्कार के पात्र नहीं थे।

इस रिपोर्ट के बाद पंचायतीराज निदेशक श्री खान ने जिला पंचायतराज
अधिकारी को सात जनवरी 2010 को भेजे आदेश संख्या पांच-1198 में स्पष्ट
निर्देश दिया है कि उक्त मामले में उत्तरदायी जिला परियोजना समन्वयक तथा
ग्राम पंचायत सचिव के विरुद्ध अविलंब कार्रवाई करने के साथ ही पुरस्कार
पाये गांवों से मोमेंटो वापस लेकर अवगत करायें। इस आदेश के बाद से
पंचायतीराज विभाग इस मामले को दबाने में जुटा है। जिला पंचायतराज अधिकारी
हरिशंकर मिश्र ने कहा कि निदेशक के आदेशानुसार मामले की जांच कर दोषी
कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।

इन जिलों में भी फैली गंदगी

वैसे इस गंदगी से रायबरेली ही नहीं बल्कि चंदौली, सिद्धार्थनगर,
शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, बागपत, सोनभद्र, गोरखपुर, कन्नौज, पीलीभीत,
आजमगढ़, सहारनपुर, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, फतेहपुर,
देवरिया, मेरठ, उन्नाव, बरेली व वाराणसी जनपदों में भी अपात्र गांवों को
निर्मल ग्राम पुरस्कार दिये गये। पंचायतीराज विभाग ने इन सभी जिलों को
निर्मल गांव के तहत पुरस्कार पाये गांवों से मोमेंटो वापस लेने का निर्देश
दिया है।

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