मुंबई। विशेष पहचानपत्र प्राधिकरण [यूआईडीएआई] के अध्यक्ष नंदन
निलेकणी ने कहा है कि विशेष पहचान संख्या का काम वर्ष 2011 से शुरू कर दिया
जाएगा। इससे गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में भी मदद मिलेगी।
निलेकणी ने शुक्रवार की शाम एक समारोह के दौरान कहा कि यह परियोजना
विशेष रूप से गरीबों को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही है। मध्यवर्ग और
उच्च तबके को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है, जबकि गरीबों को पहचान के
अभाव में नुकसान का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का
उद्देश्य दोहरी अथवा छद्म पहचान को रोकना है।
निलेकणी ने कहा कि यूआईडी की मदद से लोगों को मुख्यधारा में शामिल किया
जा सकता है। उन्होंने बताया कि 16 अंको के यूआईडी नंबर देने का काम वर्ष
2011 से शुरू कर दिया जाएगा। इस समारोह के दौरान इंडियन इंस्टीट्यूट आफ
मैनेजमेंट के तीन छात्रों ने यूआईडी योजना के बारे में प्रस्तुति दी।