नई
दिल्ली। छोटी सी उम्र, लेकिन बड़ा जज्बा और काम उससे भी बड़ा। काम इतना बड़ा
कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल भी झुक गई और उसे व्यक्तिगत तौर पर मिलने के
लिए बुला लिया।
बात हो रही है छह साल की बच्ची सरजाना की। पश्चिम बंगाल की रहने वाली
इस बच्ची ने बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान अपनी तरफ से 205
रुपये का चेक प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए दान किया। रकम बेशक, छोटी है।
पर उसके पीछे सरजाना के प्रयास और जज्बे की कहानी काफी बड़ी है।
पिछले साल पश्चिम बंगाल के कई क्षेत्रों को तबाह कर गए ‘आइला’ तूफान
में उजड़ गए लोगों में सरजाना और उसका परिवार भी था। इस तबाही ने सरजाना को
अंदर तक हिला दिया और उसने तय किया कि प्रभावित लोगों की मदद के लिए कुछ न
कुछ जरूर करेगी। उसने गायिकी के अपने शौक को मकसद हासिल करने का जरिया
बनाया। उसकी मां ने उसके लिए जिन गीतों को सुरों से सजाया था, उसने उन्हें
बसीरहाट और हृदयपुर के बीच दौड़ने वाली ट्रेनों में गा-गा कर यात्रियों से
पैसे मांगना शुरू कर दिया। इस तरह से जुटाए पैसे सरजाना ने पश्चिम बंगाल
के राज्यपाल को आपदा राहत कोष के लिए दान कर दिया।
राष्ट्रपति को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने सरजाना को राष्ट्रपति
भवन बुलवाया। यहां भी सरजाना प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए अपनी कमाई का
पैसा लाना नहीं भूली। आकाशवाणी कोलकाता को दिए एक साक्षात्कार के एवज में
मिले 205 रुपये का चेक सरजाना ने राष्ट्रपति के हवाले कर दिया। इस बच्ची
से अभिभूत राष्ट्रपति ने उसकी पढ़ाई के लिए 10,000 रुपये का नकद इनाम
दिया। साथ ही, उसे उसके प्रयास जारी रखने के लिए भी कहा।