पटना।
पटना में आईजीआईएमएस परिसर में बन रहे हर्बल पार्क के निर्माण कार्य में
तेजी आ गई है। संस्थान के अभियंत्रण विभाग ने पार्क के लिए मुख्य सड़क के
पूर्व व पश्चिम में प्रस्तावित 3.5 एकड़ जमीन के चारों ओर दीवारें उठाने
तथा मिट्टी डालने का काम तेज कर दिया है। आगे के विकास हेतु सरकार को
सूचित कर दिया गया है। कोई अड़चन न आई तो कुछ महीनों में प्रदेशवासी इस
पार्क को न केवल देख सकेंगे बल्कि बहुत सी जानकारियां भी ले सकेंगे।
यह पार्क भारत सरकार के देशी चिकित्सा विभाग आयुष व राष्ट्रीय औषधीय
पादप बोर्ड के सहयोग से बन रहा है। केंद्र सरकार के हाथ खींच लेने से इसके
विकास में धन की कमी आड़े आ गई थी और यह लग रहा था कि अब यह बन पाएगा या
नहीं, पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगे आने से अब इसके विकास पर पूर्ण
ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग, राज्य
स्वास्थ्य समिति व आईजीआईएमएस प्रशासन ने कई दौर की बैठकें कर निर्माण का
रास्ता साफ कर दिया है।
आईजीआईएमएस के निदेशक डा. अरुण कुमार ने बताया कि हर्बल पार्क कें लिए
जमीन तो पहले ही उपलब्ध करा दी गई है। इसके अलावा उसकी घेरेबंदी तथा
मिट्टी डलवाने का कार्य भी अंतिम चरण में हैं। पार्क के विकास के लिए इसके
आगे की कार्रवाई के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि विदेशों में औषधीय पौधों की मांग देखते हुए केंद्र
सरकार 2001 से सभी राज्यों को औषधीय पादप बोर्ड की स्थापना के लिए जोर दे
रही है। 2003 में तो केंद्र ने औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खोज एवं विकास
में होने वाले सम्पूर्ण खर्च के साथ ही औषधीय पादप बोर्ड की जल्द स्थापना
पर दस लाख रुपये देने की घोषणा भी की थी।
तत्कालीन सरकार के नुमांइदे तो उस समय अपने बंगलों में आलू-टमाटर
उगाने लगे थे। बाद में आयुर्वेद के महत्व को समझने वाले नीतीश कुमार ने
मुख्यमंत्री की कमान संभाली तो न केवल अपने बंगले में औषधीय पौधों को
लगाया बल्कि राज्य के निवासियों में आयुर्वेद के प्रति रूझान पैदा करने के
भी प्रयास किए।