गढ्डे के पानी से प्यास बुझा रहे 200 परिवार

जमशेदपुर
[मनोज सिंह]। भले ही शुद्ध पेयजल हर नागरिक का मौलिक अधिकार हो, लेकिन शहर
के पाश इलाके भाटिया बस्ती से सटी बागेबस्ती में रहने वालों के लिए यह
मजाक बनकर रह गया है। इस बस्ती के 200 से अधिक परिवारों के लिए शुद्ध
पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है।

जीवनदायिनी खरकई नदी का दुर्गध व कीड़ा युक्त पानी बजाए जीवन देने के
बीमारी का कारण बन गया है। बस्ती में उत्क्रमित मध्य विद्यालय में लगा
एकमात्र चापाकल कई महीने पहले खराब पड़ा है। तब से बस्तीवासियों के लिए
खरकई के गंदे पानी का ही सहारा रह गया है। बस्ती में लगा यह एकमात्र
चापाकल न केवल स्कूल में पढने वाले छात्रों, बल्कि बस्तीवासियों की भी
प्यास बुझाता था। महीनों बीत गए, मगर चापाकल खराब होने की सुधि किसी ने
नहीं ली।

आज स्थिति यह है कि यहा के बच्चे, बूढ़े और जवान तड़के सुबह चार बजे ही
नदी के किनारे गड्ढा खोद उसमें से पीने का पानी निकालने लग जाते हैं।

बस्ती के राजाराम सोरेन 22 साल से बागे बस्ती में रहते हैं। उनके तीन
बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं। वे नदी से लाया पानी छानकर पीते हैं। उसी से
परिवार की प्यास बुझती हैं। वहीं होपनमय हेम्ब्रम व सुखीपाल पानी की
किल्लत की व्याख्या ही नहीं कर पाते। राजन हेम्ब्रम ने बताया कि उनके
मंदिर में स्कूल चलता है। इसे किसी भी दृष्टि से स्कूल कह ही नहीं सकते।
कहा कि यह हरि मंदिर है। जब हरि कीर्तन होता है तो बच्चों को खुली धूप में
पढ़ने को मजबूर होना पड़ता है। बच्चे धूप में गर्म हवा के थपेड़े के साथ
खाना खाते और नदी का छाना हुआ पानी पीते हैं। वे बर्तन धोने के लिए नदी
जाते हैं।

बस्ती की सोरीबुरी सरदार व निलमुनी मार्डी कहती हैं कि उनके पास इतने
भी पैसे नहीं हैं कि अपने बच्चे को दूसरे स्कूल भेज सकें। श्रीमती सरदार
का कहना है कि पानी के लिए रात के अंधेरे में ही नदी जाते हैं।

10 दिन के भीतर मिलेगा पानी

बन्ना जमशेदपुर पश्चिम के विधायक बन्ना गुप्ता ने कहा कि वे 10 दिन के
अंदर बागे बस्ती में पानी की व्यवस्था करा देंगे। विधायक ने कहा कि नए
चापाकल लगवाए जाएंगे। वहीं पुराने चापाकल की मरम्मत कराई जाएगी।

मामले की जाच करायेंगे उपायुक्त

बागे बस्ती स्थित स्कूल में लगे चापाकल के खराब होने और लोगों द्वारा
नदी का पानी इस्तेमाल करने के संबंध में उपायुक्त रबीन्द्र कुमार अग्रवाल
ने कहा कि उन्होंने जाच कराई थी। उन्हें रिपोर्ट दी गयी थी कि स्कूल व
बस्ती में पानी की सुविधा है। हालाकि जब उपायुक्त को विश्वास दिलाया गया
कि स्कूल का चापाकल खराब है और लोग नदी का गंदा पानी पी रहे हैं, तो
उपायुक्त ने कहा कि मंगलवार को इस बात की जाच करवाएंगे।

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