कोच्चि।
केरल में बढ़ते तापमान और पानी की भयंकर किल्लत के बीच बिजली की संभावित
भारी कटौती की वजह से लोगों के लिए यह गर्मी काफी दुष्कर होने की संभावना
है।
राज्य में अभी ही बढ़ते तापमान की वजह से स्कूली बच्चों समेत 30 लोगों
को लू लग गई। सबसे बुरा हाल पलक्कड़ जिले का है जहां अधिकतम तापमान 42
डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
पलक्कड जिले में 500 से अधिक बत्तख और उसके बच्चे लू की वजह से मर गए
हैं जबकि एर्नाकुलम जिले के कलाडी में दो कुक्कुट फार्मो पर कम से कम 200
मुर्गे-मुर्गियों की मौत हो गई है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार शीतल बयार की अनुपस्थिति और बारिश की
बौछारों की कमी की वजह से यह हालत है। हालांकि इस सप्ताह के अंत तक बारिश
होने से कुछ राहत महसूस की जा सकती है।
कोचीन विश्वविद्यालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर
एमरिट्स डा. पीवी जोसेफ ने कहा कि धरती के बढ़ते तापमान के बीच भारत और
खासकर केरल में तापमान बहुत ऊंचा रहा है और पिछला साल सबसे अधिक गर्म रहा
था।
राज्य में गर्मी बढ़ने के कारण श्रमिकों खासकर निर्माण श्रमिकों एवं
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के श्रमिकों के काम की समयावधि भी
बदल गई। वे अब सुबह सात से बारह और दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक काम पर
जाते हैं।
गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की खपत बहुत बढ़ सकती है। हालांकि दसवीं और
बारहवीं की परीक्षाओं के चलते बिजली की खपत पहले ही बढ़ गई है। ऐसे में
बिजली की किल्लत होना स्वाभाविक है। हालांकि बिजली मंत्री का कहना है कि
बिजली की कटौती रोकने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।