जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : पिछले डेढ़ साल
में एक सौ से अधिक लोगों की जान लेने वाले गुर्जर आरक्षण आंदोलन की लपटें
एक बार फिर उठने लगी हैं। आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जर समाज ने सरकार को
साफ -साफ चेतावनी दे दी है कि 26 मार्च से धार्मिक नगरी पुष्कर में
अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू किया जाएगा। इसके बाद भी अगर उन्हें आरक्षण
नहीं मिलता है तो फिर आंदोलन पहले की तरह हिंसक होगा। सरकार को इसके
परिणाम भी भुगतने होंगे।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के
आह्वान पर राजस्थान के साथ ही पड़ोसी प्रदेशों के गुर्जरों को आदोलनस्थल
पर लाने की योजना बनाई जा रही है। गुर्जर नेता राज्य के साथ ही पड़ोसी
राज्यों का भी दौरा कर रहे है। वहीं सरकार ने अपने गुर्जर मंत्री और
गुर्जर समाज के कांग्रेस के नेताओं को गुर्जर समाज को मनाने की कमान
सौंपकर यह प्रयास शुरू किए हैं कि किसी तरह आंदोलन को रोका जाए और बातचीत
से ही मामला सुलझ जाए। सरकार की ओर से कमान संभाल रहे ऊर्जा मंत्री
डॉ.जितेंद्र सिंह ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि सरकार गुर्जरों के
हित का पूरा ध्यान रख रही है।
सर्वोच्च न्यायालय में इससे संबंधित जो मामला चल रहा है उसमें सरकार
ने अपना जवाब भी दे दिया है। गुर्जरों के हित को ध्यान में रखकर देवनारायण
योजना में सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। सरकार गुर्जर समाज के हितों का
पूरा ध्यान रखेगी।
बैंसला के आन्दोलन की चेतावनी के बारे में उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा,
अजमेर, चित्तौड़ सहित राज्य के कई इलाकों के गुर्जर उनके संपर्क में हैं और
वे आंदोलन में शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत से
मामले का निपटारा करना चाहती है। पिछले डेढ़ साल में पाटोली और पीलुकापुरा
में हुए गुर्जर आरक्षण आंदोलन में आंदोलनकारियों और पुलिस की झड़प में
करीब सौ लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान रेलवे सहित सरकार की विभिन्न
संपत्तियों को नुकसान हुआ था।