विकसित राज्य की श्रेणी में खड़ा हुआ बिहार

पटना : बिहार विधानमंडल के संयु अधिवेशन को  राज्यपाल देबानंद कुंवर ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज बिहार विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा है.  कृषि, सिंचाई, शिक्षा, पशुपालन, विधि-व्यवस्था
और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है. सभी क्षेत्रों में विकास
दिख रहा है.सोमवार को बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल ने अपने आधे घंटे के
अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों की टोका-टोकी पर नाराजगी जाहिर करते हुए
कहा
, कम-से-कम सुनिए तो सही. अभी इसमें बहुत कुछ है. अभिभाषण का जहां सत्ता पक्ष ने मेज थपथपा कर स्वागत किया, वहीं
राजद के मुख्य सचेतक डॉ रामचंद्र पूर्वे और माले विधायक दल के नेता अरुण
कुमार सिंह ने समानांतर जनता का अभिभाषण पढ़ा. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष
उदय नारायण चौधरी और विधान परिषद के सभापति ताराकांत झा मौजूद थे. अभिभाषण
पर
24 से 26 फरवरी तक बहस होगी और  तीन मार्च को सरकार इसका जवाब देगी.  सदन
की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी.विकास की गति को पटरी पर
लायाराज्यपाल ने कहा कि सरकार ने पिछले चार वर्षो में कई प्राकृतिक आपदाओं
को ङोला है.इसके बावजूद  उसने विकास की गति को न केवल पटरी पर लाया है
, बल्कि उसे विकसित राज्यों की रफ्तार के बराबर पहुंचा दिया है. सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन, सड़क, जल संसाधन, बिजली व स्वच्छता को प्राथमिकता     दी है.अल्पसंख्यकों की ओर्थक एवं शैक्षणिक स्थिति सुदृढ़ करने  के लिए कई योजनाएं चलायी जा   रही हैं.सिंचाई पर  319 करोड़ खर्चउन्होंने कृषि के क्षेत्र में किये गये कार्यो की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने सुखाड़ में सिंचाई के लिए 319 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. प्रत्येक किसान को 15 रुपये लीटर की दर से डीजल अनुदान दिया गया . प्रत्येक राजस्व गांव से मिट्टी के 90 हजार
नमूने एकत्रित किये गये हैं.डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट जून में होगा
चालूपशुधन की रक्षा एवं इसकी उत्पादकता बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता में है.
नालंदा जिले के बिहारशरीफ में डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट
, दुग्ध पाउडर प्लांट  और टेट्रापैक प्लांट  का कार्य प्रगति पर है. डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट को जून, 2010 तक चालू करने का लक्ष्य है. कृषि रोड मैप के अनुप 11वीं पंचवर्षीय योजना में मछलीपालन के विकास के लिए 132 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं.पइन व तालाबों का पुनरुद्धारराज्यपाल ने कहा कि राज्य में बड़ी व मध्यम सिंचाई योजनाओं से  29 लाख
हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित की गयी है. कोसी बराज
पुनर्निर्माण कार्य और पूर्वी कोसी नहर प्रणाली के पुनर्निर्माण का कार्य
प्रगति पर है. मुख्यमंत्री आहर-पइन पुनरुद्धार योजना के अंतर्गत लगभग
20 हजार आहर-पइनों/ तालाबों के पुनरुद्धार और आधुनिकीकरण की योजना  है.निशुल्क
कॉल सेंटरउन्होंने कहा कि राज्य में गन्ना विकास की असीम संभावनाएं हैं.
गन्ना किसानों को उच्च गुणवत्तावाले ईख के प्रभेदों को उपलब्ध कराने के
लिए
13करोड़ की योजनाएं चल रही हैं. गन्ना किसानों की समस्याओं के निदान के लिए ईख अनुसंधान संस्थान, पुसा
में निशुल्क कॉल सेंटर की स्थापना की गयी है. किसानों के ओर्थक विकास के
लिए उनकी निजी भूमि पर कृषि वानिकी कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए वैशाली
जिले का चयन किया गया.

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