जयपुर, जासंकें : नए शिक्षा सत्र में उच्च
प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों की खैर नहीं। बस्ते में
किताबों का बोझ कम करने की राज्य सरकार की मंशा के विपरीत शिक्षा विभाग उन
पर तीन पुस्तकों का और भार डालने जा रहा है। अब उन्हें 12 पुस्तकों का
अध्ययन कर कक्षा उत्तीर्ण करनी पड़ेगी। पुस्तकों की बढ़ोतरी पहली कक्षा से
लेकर आठवीं कक्षा तक के उन छात्रों पर की गई है, जिन पर मानसिक दबाव कम
करने के लिए राज्य सरकार ने पाठ्यक्रम को सीमित करने की घोषणा की है।
इन पुस्तकों को जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम डीपीईपी ने राजस्थान
पाठ्य पुस्तक मंडल के जरिए तैयार करवाया है। सरकारी स्कूलों में नि:शुल्क
पाठ्यपुस्तक वितरण में इसे शामिल किया गया है। इसमें करीब 30 करोड़ खर्च
किए गए है। कक्षा छह से आठवीं तक वर्तमान में नौ पुस्तकें चल रही है। अब
इन कक्षाओं के पाठ्यक्रम में 12 पुस्तकें कर दी है। तीन पुस्तकों के रूप
में अंग्रेजी गणित और विज्ञान की कार्य पुस्तिका जोड़ी गई है। कक्षा चार
से पांच में भी पुस्तकों की संख्या बढ़ाकर पांच से आठ हो गई है। यह नई
पुस्तकें जुलाई से शुरू हो रहे नए शिक्षा सत्र में सरकारी विद्यालयों में
तो पढ़ाई जाएगी लेकिन निजी शिक्षण संस्थाएं इन्हें लागू करेंगी या नहीं,
इस पर असंमजस है जबकि समान प्रश्नपत्र योजना के तहत सभी स्कूलों में एक
समान प्रश्नपत्र होते हैं।