नई
दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर केंद्र ने सोमवार को कहा कि
सरकार महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए राष्टीय मिशन शुरू
करने के प्रति वचनबद्ध है और इसके लिए महिला केंद्रित और संबंधित विभिन्न
सरकारी कार्यक्रम समेकित रूप से चलाए जाएंगे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने सोमवार को राज्यसभा में
दिए बयान में कहा कि महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण पर
विशेष जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मिशन विभिन्न मंत्रालयों और
विभागों की योजनाओं को समेकित रूप से चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का अध्ययन करने
के लिए सरकार का उच्च स्तरीय समिति गठित करने का प्रस्ताव है। समिति के
निष्कर्षो के आधार पर सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जरूरी उपायों का
निर्धारण करेगी।
कृष्णा ने कहा कि गरीबी की स्थिति में महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा
अधिक तकलीफें झेलनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि मार्च, 2008 तक महिला एवं
बाल विकास मंत्रालय स्व-सहायता समूहों के माध्यम से स्वयंसिद्धा कार्यक्रम
चलाया गया। इस योजना के तहत 650 ब्लाकों में 10.02 लाख लाभार्थियों के
69,774 स्व-सहायता समूह गठित किए गए।
कृष्णा तीरथ ने कहा कि महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर
देते हुए सातवीं योजना अवधि के दौरान ‘प्रशिक्षण एवं रोजगार कार्यक्रम को
सहायता’ स्टेप स्कीम शुरू की गई थी जो सफलतापूर्व चलाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं का सकारात्मक असर दिखने लगा है और
स्कूल जाने वाले बालिकाओं की संख्या में वृद्धि हुई है वहीं स्कूली शिक्षा
बीच में ही छोड़ने वाली बालिकाओं की संख्या में कमी दर्ज की गई है। घरेलू
हिंसा की घटनाओं में कमी आई है और आय पर उनके नियंत्रण एवं पारिवारिक
फैसलों में उनकी भागीदारी बढ़ी है।
उन्होंने विश्वास जताया कि किए जा रहे विभिन्न प्रयासों से भारतीय
महिलाओं की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में स्पष्ट सुधार होगा और भारतीय
समाज में महिलाओं के साथ भेदभाव अतीत की बात बन कर रह जाएगी।