नयी दिल्ली : मवेशियों
को डाइक्लोफ़ेनाक नामक दर्द निवारक दवा खिलाने के कारण गिद्धों की संख्या
में हो रही कमी के मद्देनजर सरकार ने इस दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी
है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने आज लोकसभा
में एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि कई अध्ययनों से पता चला है कि
डाइक्लोफ़ेनाक का इस्तेमाल गिद्धों की संख्या में आ रही कमी का प्रमुख कारण
है. डाइक्लोफ़ेनाम दवा खाने वाले मवेशियों की लाशें खाने के कारण देश में
काफ़ी संख्या में गिद्धों की मौत हुयी है. इसके मद्देनजर सरकार ने औषध और
प्रसारण सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26 क के अंतर्गत पशुओं के लिये डाइक्लोफ़े नाम एवं इसके फ़ार्मुलेशनों के प्रयोग पर रोग लगा दी है. इस दवा के स्थान पर मेलोक्िसकैम, निमेसुलाइड आदि वैकल्पिक औषधियों के इस्तेमाल की अनुमति है.
को डाइक्लोफ़ेनाक नामक दर्द निवारक दवा खिलाने के कारण गिद्धों की संख्या
में हो रही कमी के मद्देनजर सरकार ने इस दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी
है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने आज लोकसभा
में एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि कई अध्ययनों से पता चला है कि
डाइक्लोफ़ेनाक का इस्तेमाल गिद्धों की संख्या में आ रही कमी का प्रमुख कारण
है. डाइक्लोफ़ेनाम दवा खाने वाले मवेशियों की लाशें खाने के कारण देश में
काफ़ी संख्या में गिद्धों की मौत हुयी है. इसके मद्देनजर सरकार ने औषध और
प्रसारण सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26 क के अंतर्गत पशुओं के लिये डाइक्लोफ़े नाम एवं इसके फ़ार्मुलेशनों के प्रयोग पर रोग लगा दी है. इस दवा के स्थान पर मेलोक्िसकैम, निमेसुलाइड आदि वैकल्पिक औषधियों के इस्तेमाल की अनुमति है.
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