भोपाल। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में भारी बिजली कटौती के बीच राज्य
के ऊर्जा राज्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने दावा किया है कि तीन साल बाद
अर्थात वर्ष 2013 तक प्रदेश में बिजली संकट पूरी तरह दूर हो जाएगा।
क्योंकि तब तक प्रदेश बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। उन्होंने
कहा कि वर्ष 2003 में कांग्रेस शासन काल के दौरान प्रदेश की बिजली उत्पादन
क्षमता तीन हजार मेगावाट थी, जो भाजपा के सत्ता में आने के बाद बढ़कर छह
हजार मेगावाट हो गई है। श्री शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस जो काम 50 साल में
नहीं कर पाई वह हमने मात्र छह साल में कर के दिखाया है। उन्होंने कहा कि
इसके अलावा अगले तीन सालों में प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता में पांच
हजार मेगावाट की वृद्धि हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में पीक आवर
में 11 हजार मेगावाट बिजली की मांग रहेगी और उस समय हम इतनी ही बिजली पैदा
कर रहे होंगे। ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि पिछले छह साल के दौरान अनेक
ताप और जल विद्युत परियोजनाओं पर काम पूरा हुआ जबकि अब प्रदेश में संयुक्त
उद्यम और निजी भागीदारी में विद्युत उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे
हैं। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी सहित बिजली वितरण हानि को कम करने के भी
प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए पिछले
दिनों एक विशेष अभियान भी चलाया गया तथा बिजली चोरों से फाइन के रुप में
बड़ी राशि वसूली गई। प्रदेश में वर्तमान बिजली संकट के बारे में पूछे जाने
पर उन्होने कहा कि केन्द्र से हमें पर्याप्त और गुणवत्ता पूर्ण कोयला नहीं
मिल रहा है जिसके कारण राज्य के ताप विद्युत संयंत्रों का भरपूर उपयोग
नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश के कुछ विद्युत
संयंत्र 30 साल से अधिक पुराने हो गए हैं तथा उनका नवीनीकरण और आधुनिकीकरण
करना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों के नवीनीकरण और
आधुनिकीकरण के लिए पावर जनरेशन कंपनी ने विद्युत वित्त आयोग से 550 करोड़
रुपए की मांग की है।
के ऊर्जा राज्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने दावा किया है कि तीन साल बाद
अर्थात वर्ष 2013 तक प्रदेश में बिजली संकट पूरी तरह दूर हो जाएगा।
क्योंकि तब तक प्रदेश बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। उन्होंने
कहा कि वर्ष 2003 में कांग्रेस शासन काल के दौरान प्रदेश की बिजली उत्पादन
क्षमता तीन हजार मेगावाट थी, जो भाजपा के सत्ता में आने के बाद बढ़कर छह
हजार मेगावाट हो गई है। श्री शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस जो काम 50 साल में
नहीं कर पाई वह हमने मात्र छह साल में कर के दिखाया है। उन्होंने कहा कि
इसके अलावा अगले तीन सालों में प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता में पांच
हजार मेगावाट की वृद्धि हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में पीक आवर
में 11 हजार मेगावाट बिजली की मांग रहेगी और उस समय हम इतनी ही बिजली पैदा
कर रहे होंगे। ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि पिछले छह साल के दौरान अनेक
ताप और जल विद्युत परियोजनाओं पर काम पूरा हुआ जबकि अब प्रदेश में संयुक्त
उद्यम और निजी भागीदारी में विद्युत उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे
हैं। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी सहित बिजली वितरण हानि को कम करने के भी
प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए पिछले
दिनों एक विशेष अभियान भी चलाया गया तथा बिजली चोरों से फाइन के रुप में
बड़ी राशि वसूली गई। प्रदेश में वर्तमान बिजली संकट के बारे में पूछे जाने
पर उन्होने कहा कि केन्द्र से हमें पर्याप्त और गुणवत्ता पूर्ण कोयला नहीं
मिल रहा है जिसके कारण राज्य के ताप विद्युत संयंत्रों का भरपूर उपयोग
नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश के कुछ विद्युत
संयंत्र 30 साल से अधिक पुराने हो गए हैं तथा उनका नवीनीकरण और आधुनिकीकरण
करना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों के नवीनीकरण और
आधुनिकीकरण के लिए पावर जनरेशन कंपनी ने विद्युत वित्त आयोग से 550 करोड़
रुपए की मांग की है।