महाराष्ट्र शीर्ष चीनी उत्पादक राज्य होगा

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश को पछाड़ पहला स्थान हासिल करने वाला महाराष्ट्र इस चीनी सत्र में भी अपनी शीर्ष स्थिति बनाए रख सकता है।

महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन में सहकारिता क्षेत्र की मिलों का
वर्चस्व है। वहां 2009-10 में चीनी उत्पादन 20 फीसदी बढ़कर 55 लाख टन तक
पहुंचने की संभावना है। कारण वहां गन्ने की पेराई बेहतर रही है।

प्रदेश ने वर्ष 2008-09 में 46 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था।
महाराष्ट्र प्रदेश सहकारिता चीनी फैक्टरीज महासंघ के प्रबंध निदेशक प्रकाश
नाइकनावरे ने कहा कि हमें प्रदेश में करीब 55 लाख टन चीनी उत्पादन की
उम्मीद है। नवंबर 2009 में गन्ना पेराई शुरू होने के बाद अब तक महाराष्ट्र
में चीनी उत्पादन 43.6 लाख टन के स्तर पर पहुंच चुका है।

उन्होंने कहा कि पिछले सत्र के मुकाबले गन्ने से औसत चीनी की प्राप्ति
मामूली कम है लेकिन मिलों द्वारा अधिक गन्ना पेराई किए जाने के कारण
उत्पादन अभी भी अधिक है।

महाराष्ट्र वर्ष 2006-07 में अग्रणी चीनी उत्पादक राज्य बना। उस साल
उत्तर प्रदेश के 84 लाख टन के मुकाबले महाराष्ट्र में 91 लाख टन चीनी का
उत्पादन हुआ था। उत्तर प्रदेश में चीनी मिलें अधिकांशतया निजी कंपनियों के
हाथ में हैं। इन मिलों द्वारा चालू पेराई सत्र के अंत तक 41 लाख टन चीनी
उत्पादन होने की संभावना है यह उत्पादन पिछले वर्ष से करीब एक लाख टन अधिक
है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *