60 करोड़ रुपये से होगा प्रदेश स्वच्छ

यमुनानगर, जागरण संवाद केंद्र: प्रदेश की
औद्योगिक इकाइयों के 30 हजार टन विषाक्त अपशिष्ट फरीदाबाद के पाली में
निस्तारण किया जाएगा। इसके लिए 31 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है।

प्रदेश को स्वच्छ पर्यावरण देने के लिए यह योजना बनाई गई है। इस
परियोजना को धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी हरियाणा इनवायरमेंटल मैनेजमेंट
सोसाइटी ने अपनी सहयोगी संस्था गुजरात इनवायरो प्रोटेक्शन एंड
इंफ्रास्ट्रक्चर हरियाणा को सौंपी गई है।

परियोजना को अमलीजामा पहनाते हुए हेम्स, गेपिल के सहयोग से प्रदेश के
लगभग 200 औद्योगिक इकाइयों का विषाक्त अपशिष्ट फरीदाबाद के पाली में
डिस्पोजल करने के लिए उठाकर ले जा चुकी है। बजट का जिम्मा गेपिल उठा रही
है। बजट के लिए गेपिल औद्योगिक इकाइयों से उनका कचरा उठाने के बदले पैसे
वसूल करेगी। इन पैसों का उपयोग वह इस परियोजना पर खर्च करेगी।

हेम्स ने इस संदर्भ में बुधवार को गेपिल के साथ मिलकर यमुनानगर के
सफायर होटल में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि के साथ एक सेमिनार
का भी आयोजन किया। इसमें यमुनानगर के अलावा करनाल, शाहबाद, मारकंडा,
अंबाला, फरीदाबाद के विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के लगभग 70 प्रतिनिधि मौजूद
रहे। इसमें चेंबर्स आफ कामर्स की अध्यक्ष समीरा सलूजा के अलावा हरियाणा
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डीबी बत्रा भी मौजूद रहे।
हेम्स ने औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों से अपील कि वह हेम्स के सदस्य
के तौर पर अपना रजिस्ट्रेशन कराएं, ताकि उनके इकाइयों के खतरनाक अपशिष्ट
को डिस्पोजल करने के लिए फरीदाबाद ले जाया जा सके। हेम्स के प्रशासनिक
अधिकारी एसएल गुप्ता ने कहा कि रजिस्ट्रेशन के दो कैटगरी है। इसमें छोटी
इकाइयों को वार्षिक सदस्यता शुल्क प्रति यूनिट प्रतिवर्ष 2500 रुपये व बड़ी
इकाइयों को 5000 रुपये देय होगा। जबकि एडमीशन फीस 2000 हजार रुपये है।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना में गुजरात में पहले ही काम चल रहा है। इस
बारे में हरियाण प्रदूषण क्षेत्रीय अधिकारी डीबी बत्रा ने कहा कि अभी तक
औद्योगिक इकाइयां फैक्टरी के विषाक्त अपशिष्ट को गड्ढे बनाकर स्टोर करती
रही है। इस मौके पर गेपिल के आपरेशन प्रेसिडेंट रजत गुप्ता ने प्रोजेक्ट
के माध्यम से परियोजना की पूरी जानकारी दी।

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