पटना/बाढ़। कोचिंग संस्थान दूर-दराज से आये
छात्रों के साथ अब मनमानी नहीं कर पायेंगे। सरकार ने प्रदेश भर में
कुकुरमुत्तो की तरह उग आये कोचिंग सेंटरों पर लगाम कसने की पूरी तैयारी कर
ली है। अब कोचिंग का निबंधन कराना पड़ेगा। इसके लिए शिक्षकों की पात्रता,
संस्थान में बैठने को पर्याप्त जगह, प्रसाधन की व्यवस्था के अलावा अधिकतम
शुल्क निर्धारित किया जायेगा। 22 फरवरी से शुरू हो रहे विधानमंडल के सत्र
में विधेयक लाया जायेगा। इस बीच, कोचिंग संचालकों के विरुद्ध छात्रों का
आक्रोश तीसरे दिन भी सड़कों पर दिखा। हालांकि स्थानीय नागरिकों के विरोध
तथा पुलिस की मौजूदगी के कारण शीघ्र ही इसे नियंत्रित कर लिया गया। बाढ़
में भी छात्र संगठनों ने कोचिंग सेंटरों की मनमानी पर अंकुश लगाने को
प्रदर्शन किया। बुधवार को सुबह से विभिन्न स्थानों पर इकट्ठा हुए छात्रों
की टोली कोचिंगों पर पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ का सिलसिला शुरू करना चाहा,
लेकिन मोहल्लेवासियों द्वारा विरोध जताये जाने के कारण उग्र रूप नहीं धारण
कर सके। हंगामा करने के आरोप में आधा दर्जन छात्रों को हिरासत में लेने
तथा प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठियां चटकाये जाने के बाद
स्थिति नियंत्रण में रही। वरीय आरक्षी अधीक्षक विनीत विनायक व नगर आरक्षी
अधीक्षक मनु महाराज के नेतृत्व में क्षेत्र में फ्लैग मार्च निकाला गया।
रामपुर नहर साई चौराहा के पास एसएसपी व सिटी एसपी कैम्प किये रहे। हालांकि
पुलिस ने किसी भी छात्र को गिरफ्तारी के संबंध में अनभिज्ञता प्रकट की।
सुबह से ही लाज में रहने वाले छात्र अपने-अपने घरों की ओर प्रस्थान कर
गये। स्थानीय लोगों की मानें तो आधा से अधिक लाज खाली हो चुका है। एसएसपी
के मुताबिक स्थिति नियंत्रित है। बहादुरपुर, सुलतानगंज थाना क्षेत्र में
पर्याप्त पुलिस बल है। हंगामा करने वालों को नहीं बक्शा जायेगा।
बुधवार को पुलिस महानिदेशक आनंद शंकर के नेतृत्व में मंगलवार को हुए
उपद्रव वाले इलाके में पुलिस और अर्द्ध सैनिक बल का फ्लैग मार्च कराया
गया। एसएसपी विनीत विनायक ने कहा कि आरोपी और उपद्रव करने वालों की
गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को उपद्रव में छात्रों की आड़ में असामाजिक तत्व
घुसे थे। पुलिस कठोर कार्रवाई करती तो निर्दोष छात्र शिकार हो जाते जिससे
स्थिति और बिगड़ सकती थी। इस बीच मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव
अंजनी कुमार सिंह और जिलाधिकारी जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने छात्रों और
कोचिंग संचालकों के साथ बैठक की। बताया गया कि कोचिंग पर लगाम को लाए जाने
वाले विधेयक में यह प्रावधान किया जायेगा कि सरकार जब चाहे कोचिंग संस्थान
का निरीक्षण कर सकती है। देखा जाएगा कि छात्रों के लिए तय सुविधाएं हैं या
नहीं। कमी होने पर कार्रवाई होगी। श्री सिंह ने बताया कि किस कोटि के
छात्र के साथ कितना शुल्क लिया जाय यह भी विधेयक में शामिल होगा। बैठक में
कोचिंग संचालकों ने माना है कि इस क्षेत्र में ऐसे लोग आ गये हैं जो
छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। छात्रों ने यह बताया है कि
एडमिशन के वक्त विषयों केविशेषज्ञ शिक्षक द्वारा पढ़ाई का सब्जबाग दिखाकर
ज्यादा पैसे लिये जाते हैं, लेकिन पढ़ाने वाला सामान्य शिक्षक होता है।
जिलाधिकारी ने श्री सिन्हा ने कहा कि छात्रों की ओर से घायलों का
इलाज, उपद्रव करने वाले पर कानूनी कार्रवाई के अलावा ऐसे संचालकों पर
कार्रवाई की मांग की गयी है जो पैसे लेकर कोर्स पूरा नहीं कराते। उन्होंने
कहा कि जब पैसा लिया गया है तो कोर्स पूरा कराना होगा अन्यथा शुल्क वापस
करना होगा। जिलाधिकारी के साथ वार्ता को आये छात्रों के प्रतिनिधि मंडल
में गुडडू सिंह, पप्पू पटेल, संजय कुमार, मनीष कुमार, दीपक कुमार और अजय
कुमार के अलावा दर्जनों छात्र नेता शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने डीएम से
कहा कि एस मिश्रा की कोचिंग से गोली चली, जिसमें छात्र सचिन शर्मा की मौत
हुई है। छात्रों ने के सिंह, नीरज कुमार सहित दर्जन भर से अधिक कोचिंग
संस्थान की सूची उपलब्ध करायी, जहां के शिक्षकों की डिग्री की जांच की
मांग की गयी है।
छात्रों का आरोप था कि सचिवालय में कार्यरत अधिकारी कोचिंग चलाते हैं।
नाम के आगे इंजीनियर लिखने वाले की डिग्री की जांच होनी चाहिए। एनजीओ के
नाम पर गरीब छात्रों को पढ़ाने को संस्थान सरकार से अनुदान लेते हैं और
छात्रों का शोषण किया जाता है। बाद में वरीय आरक्षी अधीक्षक विनीत विनायक
ने कहा कि जो छात्र लाज में रहना चाहे उन्हें भयभीत नहीं होने दिया
जायेगा। जो घर जाना चाहें, जा सकते हैं। एसपी ने कहा कि वीडियो फुटेज से
उपद्रवियों की पहचान कर कार्रवाई होगी। उधर, बाढ़ में भी अखिल भारतीय
विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को एएनएस कालेज पहुंचकर कक्षा
बाधित करने और पुतला फूंक कर विरोध दर्ज कराया। इसके बाद छात्रों ने पूरे
शहर में घूम-घूमकर कोचिंग संस्थानों को बंद कराया और सरकार विरोधी नारे
लगाये। जुलूस में शामिल छात्र कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसने को कानून
बनाने की मांग कर रहे थे।