कानपुर। महाराष्ट्र सहित देश के कई हिस्सों
में भाषा व क्षेत्रीयता को लेकर चल रहे घमासान के बीच रेल मंत्री ममता
बनर्जी ने रविवार को यहाँ ऐलान किया कि उर्दू सहित क्षेत्रीय भाषाओं में
भी रेलवे बोर्ड की भर्ती परीक्षाएं होंगी।
रेलवे के लोको मैदान में रेलगाड़ियों को रवाना करने के लिए आयोजित
समारोह में रेल मंत्री ने कहा कि कामयाब होने के लिए पूरे देश को एक सूत्र
में बांधने की सोच होना जरूरी है। गंगा की तरह प्रवाहमान भारतीय परंपराओं
का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आम आदमी से प्यार कर ही देश से प्यार
किया जा सकता है। आम आदमी को अधिक अवसर दिलाने के लिए उन्होंने रेलवे
भर्ती परीक्षाओं में नयी व्यवस्था का फैसला किया है। अब तक परीक्षाओं का
माध्यम सिर्फ अंग्रेजी व हिंदी होता थी, अब उर्दू सहित सभी क्षेत्रीय
भाषाओं में रेलवे की भर्ती परीक्षाएं होंगी। इससे स्थानीय लोगों को अधिक
मौके मिलेंगे। उन्होंने कहा कि रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री में एक साल के
भीतर काम शुरू हो जायेगा और दो साल में फैक्ट्री पूरी क्षमता से काम करने
लगेगी। वहाँ कुल 1685 कोच की क्षमता वाली फैक्ट्री की स्थापना होनी है,
जिसमें 1170 कोचों की निर्माण क्षमता को पूरा किया जा चुका है।
रेल मंत्री ने ‘गंगा मैया की जय’ उद्घोष के साथ उत्तर प्रदेश व कानपुर
से खुद को जोड़ते हुए कहा कि कानपुर देश की सबसे पवित्र धरती है। गंगा मैया
हिंदुस्तान की परंपरा का प्रतीक हैं और कानपुर गंगा की धरती है। उन्होंने
कहा कि संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनसे कहा था कि उत्तर प्रदेश को
रेलवे के नियोजन में महत्वपूर्ण जगह दें। इसके बाद बीते छह माह में यूपी
में इतना अधिक काम रेल क्षेत्र में हुआ है, जितना पहले कभी नहीं हुआ।
कानपुर सहित चार स्टेशनों को अंतर्राष्ट्रीय दर्जा दिया जा रहा है, वहीं
रायबरेली, अयोध्या, इलाहाबाद, झांसी के रेलवे स्टेशनों को ‘मल्टीफंक्शनल’
बनाया जा रहा है। ऋषिकेश, मेरठ, प्रतापगढ़, अमेठी, चंदौसी, ललितपुर,
शिकोहाबाद, अतर्रा, बांदा, आजमगढ़, बलिया, मऊ, सलेमपुर, सीतापुर स्टेशनों
को आदर्श स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पिछले बजट में उत्तर प्रदेश की कुल 9000 करोड़ रुपये
की परियोजनाएं स्वीकृत हुई थीं, जिनमें से 900 करोड़ रुपये खर्च भी हो चुके
हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ के लिए 60 करोड़ रुपये का विशेष
प्रयोजन कर कोचों की संख्या 325 से 625 बढ़ाई गयी। इससे तीस लाख यात्रियों
का आवागमन सुनिश्चित हुआ।
अगला प्रधानमंत्री यूपी से
ममता ने कई बार अपने यूपी प्रेम को जाहिर किया। वे बोलीं, हम बंगाल से
हैं फिर भी यूपी को बहुत पसंद करते हैं। यूपी ने पं.जवाहर लाल नेहरू से
राजीव गांधी तक कई प्रधानमंत्री दिये हैं और अगला प्रधानमंत्री भी यूपी से
होगा। यह सुनते ही पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।